उज्जैन में चल रही पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण की कथा का असर ट्रेनों पर भी नजर आ रहा है। इंदौर से उज्जैन होकर गुजरने वाली दिल्ली, पुणे, मुंबई की सभी ट्रेनें फुल चल रही हैं। टिकट कंफर्म नहीं होने के चलते यात्री नीचे बैठकर सफर कर रहे हैं। स्लीपर और एसी कोच यात्री क्षमता के हिसाब से फुल नजर आ रहे हैं। दोनों ही कोचों में यात्रियों को ज़मीन पर बैठकर यात्रा करना पड़ रहा है। दरअसल, इंदौर से मुंबई, पुणे और दिल्ली जाने वाली ट्रेनें उज्जैन, नागदा, रतलाम और कोटा से होकर गुज़रती हैं। इन दोनों ट्रेनों में सफर करने वाले महज 10 फीसदी यात्री ही इंदौर से सवार होते हैं, बाकी 90 फीसदी यात्री उज्जैन से सवार होते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह श्रीमहाकाललोक कॉरिडोर है। उज्जैन दर्शन करने वाले अधिकांश यात्री उज्जैन स्टेशन से ही सवार होते हैं। इसी वजह से ये ट्रेनें रविवार और छुट्टियों के दिनों में भी फुल नजर आती हैं। इन दिनों उज्जैन में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा चल रही है। कथा सुनने के लिए उज्जैन के अलावा इंदौर, नागदा, धार, देवास, रतलाम और कोटा के लोगों के अलावा दिल्ली और मथुरा से भी लोग पहुंच रहे हैं। दोपहर में कथा के समापन के बाद ये सभी श्रद्धालु इन शहरों की तरफ जाने वाली ट्रेनों में सवार हो जाते हैं। जिससे ट्रेनों के सभी कोच में भीड़ बढ़ जाती है। इनमें से अधिकांश लोग बिना टिकट के स्लीपर कोच में सवार होते हैं।
पंडित मिश्रा की कथा का असर दिल्ली-मुंबई की ट्रेनों पर, जमीन पर बैठ यात्री कर रहे सफर
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