इन दिनों देश ही नहीं बल्कि विदेशों में अपनी कथाओं के लिए प्रसिद्ध सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा और बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जल्द ही एक साथ एक मंच पर नजर आ सकते हैं। 17 सितंबर को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रस्तावित बजरंग दल की हिंदू जागरण सभा में यह दोनों कथावाचक शामिल हो सकते हैं। विश्व हिंदू परिषद् के उच्च पदाधिकारियों ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि वीएचपी हर वर्ष पूरे देशभर में बड़े पैमाने पर शौर्य दिवस का आयोजन करती है। इस दौरान सभी शहरों में शोभायात्राए भी निकाली जाती हैं। कई राज्यों में संतों का समागम भी होता है। इन्हीं कार्यक्रम में ये दोनों कथावाचक भी शामिल होंगे। इनके अलावा कई अन्य संत भी मौजूद रहेंगे। दोनों कथावाचक केवल कार्यक्रम में ही शामिल होंगे। बजरंग दल में शामिल होने को लेकर दोनों से कोई बात नहीं हुई है।
दोनों कथावाचक कई बार मंच से कर चुके हैं संघ-बजरंग दल का समर्थन
सीहोर वाले पं. प्रदीप मिश्रा ने दिसंबर 2022 में एक कथा के दौरान कहा था कि सनातन धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए हर परिवार के एक बेटे को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) या बजरंग दल में जाना चाहिए, जबकि मार्च 2023 में बागेश्वर धाम के पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि, विवाहित हिंदुओं को तीन से चार बच्चे पैदा करना चाहिए। इनमें से दो को हिंदू धर्म और भगवान राम की सेवा में लगा देना चाहिए। इन बयानों के बाद से ही विश्व हिंदू परिषद पं. प्रदीप मिश्रा और पं. धीरेंद्र शास्त्री को अपने मंच पर लाने की कोशिश में जुटा हुआ हुआ था। विश्व हिंदू परिषद् का दावा है कि 7 सितंबर को भोपाल में प्रस्तावित बजरंग दल की हिंदू शौर्य जागरण सभा के मंच से दोनों संबोधित करेंगे। विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों का कहना है कि बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री पूरी दुनिया में हिंदुओं के बीच हिंदू राष्ट्र की अलख जगा रहे हैं। वे बार-बार हिंदू राष्ट्र की मांग करते हैं। वीएचपी प्रखरता से उनका समर्थन कर ही रहा है। ऐसे में हम चाहते हैं कि शौर्य जागरण यात्रा में वे शामिल हों। इसके लिए उनको औपचारिक न्योता भी दे आए हैं। उन्होंने हमें आश्वस्त किया है कि वे उस दिन मौजूद रहेंगे। इसी दिन पं पंडित प्रदीप मिश्रा भी मौजूद रहेंगे। इस तरह के तमाम संत-महंत इसी दिन अपने विचार भी साझा करेगा। 17 सितंबर को प्रस्तावित हिंदू शौर्य जागरण सभा के दौरान बजरंग दल इन दोनों कथावाचकों की मौजूदगी में त्रिशूल वितरण करेगा।