तालिबान को कठपुथली की तरह इस्तेमाल करते हुए अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने का सपना पाल रहे पाकिस्तान के लिए यह दांव उल्टा भी पड़ सकता है। अफगानिस्तान के जेलों में बंद रहे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकी बाहर आने लगे हैं और आशंका जताई जा रही है कि ये पश्तूनी आतंकी तालिबान के साथ मिलकर इमरान खान की नाक में दम कर सकते हैं। इस बीच, पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख राशिद ने कहा है कि इसने टीटीपी को लेकर अफगान तालिबान को भरोसे में लिया है। साथ ही उम्मीद जताई कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा।
पाकिस्तान के गृहमंत्री से जब इस मामले में और सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि वह मीडिया में इसका खुलासा नहीं कर सकते हैं कि पाकिस्तान की तालिबान से क्या बात हुई है। उन्होंने अमेरिका का साथ देने पर अपना बचाव करते हुए कहा, ”पहले पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ इसलिए दिया क्योंकि टीटीपी और तालिबान एक थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है।” एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर अभी शरणार्थियों का बोझ नहीं बढ़ा है, क्योंकि अफगान बॉर्डर पर 97-98 फीसदी हिस्से की फेंसिंग हो चुकी है।