प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विज्ञान भवन में आपदा जोखिम न्यूनीकरण राष्ट्रीय मंच (NPDRR) के तीसरे सत्र का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत में आपदा प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्था हमेशा स्थानीय रही है, समाधान और रणनीति भी स्थानीय रही है… चाहे स्थानीय निर्माण सामग्री हो या फिर निर्माण तकनीक, इसको हमें आज की जरूरत और आज की तकनीक से समृद्ध करना है। साथ ही कहा कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए राष्ट्रीय मंच (एनपीडीआरआर) 2023 के तीसरे सत्र के उद्घाटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी हाल ही में तुर्की और सीरीया में आगे भूकंप के बाद भारतीय दल के प्रयासों को पूरी दुनिया ने सराहा है। ये बात हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव से जुड़े मानव संसाधन और तकनीकी क्षमता को भारत ने जिस तरह बढ़ाया है, उससे देशभर में भी अलग-अलग आपदा के समय बहुत सारे लोगों के जीवन बचाने में मदद मिली है। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के विजेताओं को सम्मानित किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां दो संस्थानों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार दिया गया। ओडिशा स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी, साइक्लोन से लेकर सुनामी तक विभिन्न आपदाओं के दौरान बेहतरीन काम करती है। इसी तरह मिजोरम के लुंबई फायर स्टेशन ने जंगल में लगी आग को बुझाकर पूरे इलाके को बचाया। मैं इन संस्थाओं के सभी साथियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तुर्की में आए विनाशकारी भूकंपों के बाद ऑपरेशन दोस्ती के तहत हमारे एनडीएमए और एनडीआरएफ के काम को दुनिया भर में सराहा गया है। वहीं एनपीडीआरआर 2023 पुरस्कार के विजेता ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (OSDMA) और लुंगलेई फायर स्टेशन, मिजोरम हैं। एनपीडीआरआर भारत सरकार द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण के क्षेत्र में संवाद, अनुभवों, विचारों, विचारों, क्रिया-उन्मुख अनुसंधान को साझा करने और अवसरों का पता लगाने के लिए गठित एक बहु-हितधारक मंच है।
पीएम मोदी ने NPDRR का किया उद्घाटन, बोले- आपदा को रोक तो नहीं सकते, लेकिन नुकसान कम कर सकते हैं
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