उत्तर प्रदेश ने पिछले सात वर्षों में निवेश प्राप्त करने, निवेश अनुकूल वातावरण बनाने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में लंबी यात्रा तय की है। राज्य सरकार ने इस दौरान ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में अनेक सुधार किए हैं। राज्य का निवेश मित्र पोर्टल देश में सबसे अधिक सेवा देने वाला सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म है। इस दिशा में और भी प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में सीमेंट निर्माण संयंत्र के लोकार्पण के दौरान ये बातें कही। मुख्यमंत्री ने बुधवार को प्रयागराज में 20 लाख टन उत्पादन क्षमता वाले जेके सीमेंट लिमिटेड के निर्माण संयंत्र का वर्चुअल तरीके से लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का एक औद्योगिक समूह, इस निवेश के माध्यम से प्रदेश में विश्वास की जड़ों को पुनः मजबूत करते हुए राज्य को निवेश के ड्रीम डेस्टिनेशन के रूप में आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रहा है। पहले जेके समूह कानपुर नगर की पहचान था। यह समूह अविश्वास के तत्कालीन वातावरण के कारण यहां से पलायन की स्थिति में था। प्रदेश सरकार की अपराध व अपराधियों और भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के कारण पिछले वर्षों में जेके समूह ने प्रदेश में 1200 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ तीन सीमेंट प्लांट्स की स्थापना की है। इनमें वर्ष 2020 में अलीगढ़, वर्ष 2022 में हमीरपुर और वर्ष 2024 में प्रयागराज में स्थापित सीमेंट प्लांट शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह निवेश प्रदेश के सपनों को नए पंख प्रदान कर रहा है। इससे प्रदेश में निवेश और रोजगार के सम्बन्ध में राज्य सरकार की नीतियों को नए आयाम प्राप्त प्राप्त होंगे और प्रदेश के हजारों युवाओं के लिए नौकरी व रोजगार के अवसर पैदा होंगे। सीएम ने कहा कि हमारी नीतियां व तंत्र दुनिया के निवेशकों को आकर्षित करने का सामर्थ्य रखतीं हैं। निवेश को अनुकूल व लाभदायक बनाने के लिए हमें प्रदेश के औद्योगिक समूहों के प्रति ध्यान देने की आवश्यकता है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी 14वें से दूसरे स्थान पर पहुंचा
सीएम ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में प्रदेश 12वें तथा उससे एक वर्ष पूर्व 14वें स्थान पर था। कानून व्यवस्था की स्थिति अत्यन्त खराब थी। राज्य में हर तीसरे दिन दंगा होता था। व्यापारियों को प्रताड़ित किया जाता था। उन्हें फाइलों के निस्तारण के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। निवेशक प्रदेश में निवेश करने से कतराते थे। प्रदेश सरकार ने अनेक रिफॉर्म किए व नीतियां बनाईं और उन्हें मजबूती के साथ लागू किया। इसके असर से प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में न केवल नंबर दो पर पहुंचा, बल्कि देश में मोस्ट अचीवर्स स्टेट के रूप में तेजी से आगे भी बढ़ रहा है। सीएम ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रदेश ने देश के सामने वर्ष 2023 में इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन का उदाहरण प्रस्तुत किया। प्रदेश में बनाए गए विश्वास के वातावरण के कारण उस समय बहुत सारे निवेशक कह रहे थे कि आप जितना निवेश करने के लिए कहेंगे, वह उतना निवेश करने को तैयार हैं। उस समय एक दिन में राज्य को 34 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। अब तक 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी, 2024 में राज्य में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को एक साथ जमीनी धरातल पर उतारा। इससे लाखों युवाओं को नौकरी व रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। सीएम ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जमीनी धरातल पर उतारी गईं अनेक इकाइयों ने उत्पादन प्रारम्भ किया है। यह चीजें दिखाती हैं कि उत्तर प्रदेश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हमने देश, दुनिया और स्थानीय उद्यमियों को फिर से आकर्षित करने में सफलता हासिल की है। यह एक शुभ लक्षण है। मुख्यमंत्री ने सीमेंट प्लांट की तीसरी इकाई स्थापित करने के लिए सिंघानिया ग्रुप को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य में सीमेंट की काफी खपत होती है। यहां से देश के अन्य राज्यों में भी सीमेंट भेजा जा सकता है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के पूर्ण रूप से क्रियाशील होने के बाद यह सम्भावना और बढ़ेगी। आज प्रदेश में रेलवे का सबसे बेहतर नेटवर्क है। हाईवे और एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क भी इसमें मदद करेगा। यह किसी भी औद्योगिक समूह के लिए एक सुनहरा अवसर है। उन्हें इसका लाभ उठाना चाहिए। प्रदेश सरकार उन्हें न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि उन्हें पूंजी की सुरक्षा की गारंटी भी प्रदान करेगी। प्रदेश में किया गया निवेश न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि व्यवसाय की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी भी साबित होगा। लोकार्पण समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में इंसेंटिव वितरण के कार्यक्रम को भी आयोजित करने जा रही है। इसके अन्तर्गत उत्पादन करने वाले औद्योगिक समूहों को सैकड़ों करोड़ रुपये का इंसेंटिव वितरित किया जाएगा। हमें एमओयू मॉनीटरिंग प्लेटफार्म और इंसेंटिव वितरण प्लेटफार्म को और अधिक सरलीकृत करने की आवश्यकता है। बड़े औद्योगिक निवेश के लिए अच्छी कानून व्यवस्था, लैंड बैंक और एमएसएमई का बेहतरीन आधार आवश्यक होता है। उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है जहां यह सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसमें सस्ता मैन पावर, बेहतरीन वर्क फोर्स, एमएसएमई का बेहतरीन बेस, पर्याप्त लैंड बैंक आदि शामिल है। इसका लाभ निवेशकों को मिलेगा।
शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में संभावनाएं तलाश करें निवेशक
मुख्यमंत्री ने सिंघानिया समूह से कहा कि प्रदेश में स्थित स्वास्थ्य व शिक्षा के केन्द्रों का लाभ राज्य के नागरिकों के साथ-साथ बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान आदि पड़ोसी राज्यों के नागरिक भी उठाते हैं। बीएचयू, केजीएमयू जैसे प्रदेश के बड़े चिकित्सा संस्थानों तथा मेडिकल कॉलेजों पर इसका काफी भार रहता है। जेके समूह कानपुर में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की दिशा में काम कर रहा है। उसे इस क्षेत्र में अन्य सम्भावनाएं भी तलाशनी चाहिए। सीएम ने कहा कि प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों के अधिनियम में संशोधन के जरिए निजी विश्वविद्यालयों को काफी स्वतंत्रता दी गई है। इस क्षेत्र में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस को खोलने के लिए भी निवेश आमंत्रित किया जा सकता है। इस दिशा में भी सिंघानिया ग्रुप के लिए आगे आने का अवसर है। उन्होंने सिंघानिया समूह को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार व समूह के मध्य एमओयू के माध्यम से किए गए एग्रीमेंट का अक्षरशः पालन किया जाएगा। मौके पर औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, संसदीय कार्य व औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवन्त सिंह सैनी, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर, जेके सीमेंट के वाइस चेयरमैन निधिपति सिंघानिया, मैनेजिंग डायरेक्टर राघवपति सिंघानिया, ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ माधवकृष्ण सिंघानिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।