भारत की नौसेना की ताकत बढ़ने वाली है। फ्रांस और भारत के बीच 26 राफेल मरीन जेट की खरीद को लेकर कई महीनों से बातचीत चल रही है। अब यह सौदा लगभग तय हो चुका है। फ्रांस ने अंतिम कीमत भारत को ऑफर की है। बताया जा रहा है कि इस बार फ्रांस ने रकम में कटौती की है। हालांकि, यह राफेल कितने में खरीदा जाएग इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। खास बात है कि फ्रांस की तरफ से यह कदम भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की निर्धारित यात्रा से ठीक उठाया गया है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि सौदे के लिए फ्रांस की तरफ से भारतीय अधिकारियों को अच्छी और अंतिम कीमत ऑफर की गई है। साथ ही प्रस्तावित कॉन्ट्रैक्ट में कठिन बातचीत के बाद कीमत में महत्वपूर्ण कमी की गई है। भारत नौसेना के लिए राफेल-M के सौदे के लिए वहीं कीमत रखना चाहता है, जो 2016 में वायुसेना के लिए 36 विमान खरीदते समय रखी थी। हालांकि, इस सौदे की कीमत 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा होने की उम्मीद है। भारत और फ्रांस 26 राफेल मरीन जेट खरीदने के लिए सौदे पर बातचीत कर रहे हैं। इन्हें आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत और विभिन्न ठिकानों पर तैनात किया जाएगा। दोनों पक्षों ने पिछले सप्ताह भी बातचीत की थी, जब भारत के साथ चर्चा को अंतिम रूप देने के लिए एक फ्रांसीसी टीम राष्ट्रीय राजधानी में थी। तब फ्रांस सरकार और दसॉ कंपनी के अधिकारियों ने रक्षा मंत्रालय की कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी से चर्चा की थी। इस सौदे पर भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता के दौरान चर्चा की जाएगी, जहां भारतीय एनएसए आज पेरिस में अपने फ्रांसीसी समकक्षों से मिलेंगे। यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अपनी समुद्री हमला क्षमता को मजबूत करने पर विचार कर रही है। भारत ने अनुरोध पत्र में डेविएशन को भी मंजूरी दे दी है, जो कि सरकार से सरकार के सौदों के लिए टेंडर डॉक्यूमेंट के बराबर है, जैसे कि भारतीय नौसेना के लिए जेट में स्वदेशी उत्तम रडार को एकीकृत करना है।
ये इक्विपमेंट्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे
सूत्रों ने कहा कि एकीकरण में लगभग आठ साल का लंबा समय लगता और ऐसा करने के लिए फ्रांस को बहुत अधिक कीमत चुकानी पड़ती। फ्रांस के ऑफर में फाइटर जेट पर भारतीय हथियारों को असेंबल करने के लिए पैकेज शामिल हैं। इन हथियारों में अस्त्र एयर-टू-एयर मिसाइल, एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट करने के लिए जेट में इंडियन स्पेसिफिक इन्हैंस्ड लैंडिंग इक्विपमेंट्स और जरूरी इक्विपमेंट्स शामिल किए हैं। सूत्रों ने बताया कि इस सौदे की कीमत महंगाई को ध्यान में रखते हुए किए गए समझौतों पर आधारित है। इसके लिए भारतीय वायुसेना के लिए 36 राफेल लड़ाकू विमानों के पिछले सौदे को आधार बनाया जाएगा। नौसेना सौदे में भारतीय वायुसेना की कुछ आवश्यकताओं को भी शामिल किया गया है। इसमें लगभग 40 ड्रॉप टैंक और विमानों के लिए कुछ कार्य केंद्र शामिल होंगे। भारतीय पक्ष को लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मेटियोर मिसाइलें और एंटी-शिप हथियार भी मिलेंगे। इन्हें इस वित्तीय वर्ष के अंत से पहले पूरा करने की योजना है।
फ्रांस ने 26 राफेल के दामों में की कटौती, डोभाल के दौरे से पहले दिया अंतिम और अहम ऑफर
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