राज्य मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। महाविकास आघाड़ी सरकार से गद्दारी करके ‘मिंधे-फडणवीस’ सरकार में शामिल हुए विधायक मंत्री पद पाने को व्याकुल हैं। इच्छुक विधायकों को उम्मीद थी कि विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी ही नहीं मिली। ऐसे में अब अधिवेशन के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना जताई जा रही है। मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी को लेकर मिंधे गुट के विधायकों सहित भाजपा के विधायकों में नाराजगी बढ़ने की चर्चा महाराष्ट्र के सियासी गलियारे में लगातार जोर पकड़ रही है। इससे भाजपा के मंत्रियों की भी परेशानी बढ़ गई है। बता दें कि मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने के कारण मंत्री बनने के इच्छुक मिंधे सरकार समर्थक विधायकों के साथ-साथ कई मंत्री भी नाराज हैं। क्योंकि वर्तमान मंत्रियों को मंत्रिमंडल विस्तार में देरी की वजह से कई विभागों के कार्यभार को संभालना पड़ रहा है। खासकर उन्हें शीतकालीन सत्र में विपक्ष के सवालों का सामना करना मुश्किल होगा। ऐसा एक मंत्री ने बताया। शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। ऐसा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने २३ अक्टूबर को कहा था। फडणवीस के विस्तार की बात करते हुए डेढ़ महीना हो गया है। लेकिन विस्तार की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है। शिंदे गुट के कई विधायक मंत्री पद की उम्मीद लगाए बैठे हैं, जिसमें प्रमुख रूप से निर्दलीय विधायक बच्चू कडु ने मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किए जाने को लेकर खुलेआम नाराजगी भी व्यक्त की थी। रामटेक के विधायक आशीष जायसवाल भी मंत्री पद की आस लगाए बैठे हैं। इसी प्रकार विधायक रवि राणा सहित अनेक विधायक मंत्री पद की आस लगाए बैठे हैं, उनकी यह आस निकट भविष्य में पूरी होती नहीं दिखाई दे रही है।
बागी रह गए बेकार! …मंत्री नहीं बना रही सरकार
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