अयोध्या के राम मंदिर में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह से मार्केट में राम नाम के उत्पादों का जबरदस्त बूम देखने को मिला। इस वजह से देशभर के बाजारों में जमकर कारोबार हुआ। महज 480 घंटे में एक लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो गया। केवल बड़े ही नहीं, बल्कि छोटे कामगारों की दीपावली मन गई। छोटे कामगारों को खूब काम मिला है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि अयोध्या में आयोजित रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन तक देश में जो कारोबार हुआ है, वह एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से पार हो चुका है। हालांकि कैट की राष्ट्रीय कोर कमेटी की तीन जनवरी को नागपुर में हुई बैठक में यह अनुमान लगाया गया था कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले देश में 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होगा। उसके बाद विभिन्न प्रदेशों के बाजारों में राम मंदिर से जुड़ी वस्तुओं की मांग ने जो रफ्तार पकड़ी, उससे पूर्व में लगाया गया अनुमान, पीछे छूटता हुआ नजर आया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह तक वह कारोबार 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक, बाजारों में राम की मूर्तियां, अयोध्या के मंदिर का मॉडल और पूजा सामग्री के अलावा अन्य वस्तुओं की जमकर बिक्री हुई है। राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह ने देश में पूजा पाठ से संबंधित एक बड़े व्यापार का अवसर पैदा कर दिया। राम मंदिर, लोगों की आस्था के साथ ही देश में एक बड़े व्यापार का भी केंद्र बन गया। खासतौर पर छोटे निर्माता और लघु व्यवसाय करने वाले लोगों के लिए व्यापार के अनेक अवसर सामने आ गए। देश के विभिन्न शहरों में विशेषकर, घरों से छोटा-मोटा काम करने वाली महिलाओं एवं वंचितों को भी इस आयोजन से बड़ी मात्रा में रोजगार मिला है।
बाजार में राम मंदिर के मॉडल की मांग
बतौर खंडेलवाल, 22 जनवरी से दो सप्ताह पहले बाजार में पूजा के लिए विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की बड़ी मांग देखने को मिल रही थी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निकट आते-आते उस मांग का दायरा, विशाल होता चला गया। राम एवं पूजा पाठ से जुड़ी वस्तुओं की मांग में भी तेजी आने लगी। इस मांग को देखते हुए बहुत से लोगों ने अपने पारंपरिक व्यवसाय के साथ ही ऐसी अनेक वस्तुओं का उत्पादन या व्यापार शुरू कर दिया, जो राम मंदिर के महाउत्सव से जुड़ी थीं। राम मंदिर के प्रतीक के रूप में मंदिर के मॉडल की बाजार में जबरदस्त मांग देखने को मिली। वह मॉडल बाजार में 4 इंच, 6 इंच, 8 इंच एवं 12 इंच में उपलब्ध कराया गया था। इससे बड़े साइज के मॉडल भी बाजार में मिल रहे हैं। मुख्य रूप से यह मॉडल पाइनवुड, लकड़ी, हार्ड बोर्ड आदि में बनाए जा रहे हैं। देशभर में 5 करोड़ से अधिक मॉडल की बिक्री होने की संभावना है। श्रीराम, राम मंदिर एवं राम दरबार के चित्र व अन्य देवी-देवताओं के चित्र एवं मूर्तियों की बड़ी मांग आ रही है। ये मूर्तियां, मिट्टी, पाइनवुड, लकड़ी, पीतल, तांबा एवं अन्य अनेक प्रकार के रॉ मैटेरियल से बनाई गई हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले बाजारों में पूजा के लिए बड़ी मात्रा में मिट्टी, पीतल एवं अन्य धातुओं के एकल दीपक, एक ही दीपक में अनेक दीपक आरती के लिए, अगरबत्ती, धूपबत्ती स्टैंड सहित अन्य अनेक वस्तुएं भी बड़ी मात्रा में बाजार में हैं। ये वस्तुएं, ग्राहकों की बड़ी पसंद बनी हैं। इसके अलावा अगरबत्ती, धूपबत्ती, गाय के गोबर के उपले, सुगंधित कप, लोबान, कपूर, कुमकुम, चंदन, रोली, अक्षता, रूई की बनी बत्ती, गंगा जल आदि की खूब बिक्री हुई है। पूजा के लिए उपयोग में आने वाले आसन जो जूट, चटाई, दरी व कपड़े आदि से बने हैं, की बाजार में बड़ी मांग रही है। लोगों की जबरदस्त पसंद के रूप में छोटे से लेकर बड़े राम झंडे, पटके, बंटिंग, व श्रीराम बैज की बाजारों में खूब धूम मची रही है। राम मंदिर की फोटो के छपे हुए कुर्ते अथवा हाथ की कड़ाईं के कुर्ते, टी शर्ट, कमीज, टोपियां, श्री राम दुपट्टे आदि भी हाथों हाथ बिक रहे हैं।
इन वस्तुओं ने बढ़ाई कारोबार की स्पीड
अपने आराध्य देवता को प्रसाद के रूप में फल, मिठाई, और अन्य आहारिक आइटम्स की भी बड़ी मांग रही है। धार्मिक पुस्तकें, श्री हनुमान चालीसा, आरती संग्रह आदि भी खूब मांग में हैं। माला, लटकन, लाकेट, पेंडेंट, कड़े, चूड़ियां, तुलसी की माला, रुद्राक्ष, श्री राम खड़ाऊं ने भी अपने लिए बड़ा बाजार बनाया है। इसके साथ ही घर को सजाने के लिए, शुभ तोरण, द्वार पर लटकाने के लिए स्वागत लटकन, कृत्रिम फूल की मालाएं आदि भी बड़ी संख्या में बिक रही हैं। इसी प्रकार से हवन सामग्री की बड़ी मांग देखने को मिल रही है। इसमें रोजाना ही वृद्धि होती जा रही है। 22 जनवरी को बड़े उत्सव के दिन के रूप में मनाने के लिए बहुत बड़ी मात्रा में मिठाई, फल एवं ड्राई फ्रूट की मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई थीं। वहीं घरों एवं दुकानों की सजावट के लिए भी अनेक प्रकार के आइटम्स बाजार में उपलब्ध कराए गए हैं। श्री राम मंदिर के कारण देश भर में संगीत व्यवसाय से जुड़े लोग भी इस अभियान में व्यापार से अछूते नहीं रहे। श्री राम मंदिर को अनेक गीत बनाए गए हैं। इससे छोटे और अनजाने गीतकार, संगीतकार एवं गायकों को काम मिला है। अनेक शहरों में काम कर रही ऑर्केस्ट्रा पार्टी भी श्री राम मंदिर से जुड़े कार्यक्रमों में व्यस्त दिखाई पड़ीं।