महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली शिवसेना 23 जनवरी 2024 को बाल ठाकरे की जयंती पर महाशिविर और एक सार्वजनिक रैली का आयोजन करेगी। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने इसकी जानकारी दी। संजय राउत ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे 23 जनवरी को नासिक में महाशिविर आयोजित करेंगे और सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे। इन दोनों कार्यक्रमों के आयोजन के लिए सभी नेता सोमवार को नासिक पहुंचेंगे।’ अविभाजित शिवसेना ने 2014 और 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन में नासिक लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत मिली थी। दो बार के सांसद हेमंत गोडसे ने शिंदे गुट वाली शिवसेना में शामिल हो गए थे। पिछले साल जून में शिंदे समेत 40 अन्य सांसदों ने शिवसेना के नेतृत्व के खिलाफ विरोध करते हुए अलग हो गए। शिंदे समेत ये सभी सांसद भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल हो गए। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद शिवसेना (यूबीटी) की महाविकास अघाड़ी पार्टी की सरकार गिर गई थी और राज्य में भाजपा ने अपनी सरकार बना ली।
शिवसेना (यूबीटी) ने की थी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से बात
साल 2019 में अविभाजित शिवसेना भाजपा-एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना महाविकास अघाड़ी का हिस्सा है। महाविकास अघाड़ी पार्टी में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा शामिल है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बताया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी 48 में से 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है। उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन की बैठक से पहले शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से बात की थी।
साल 2019 में अविभाजित शिवसेना भाजपा-एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना महाविकास अघाड़ी का हिस्सा है। महाविकास अघाड़ी पार्टी में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा शामिल है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बताया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी 48 में से 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है। उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन की बैठक से पहले शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से बात की थी।