शिवसेना और बाला साहेब ठाकरे पर की कई भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल की टिप्पणी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा नेता के बयान को खारिज करते हुए गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बाल ठाकरे के नाम को अयोध्या आंदोलन से अलग नहीं किया जा सकता। शिंदे ने कहा कि अयोध्या उनके लिए आस्था का विषय है। एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने मंत्री पाटिल से कहा कि उन्हें बालासाहेब ठाकरे के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अयोध्या मेरे लिए आस्था का विषय है। हमने विद्रोह क्यों किया, इसके कारण को समझकर लोगों ने हमें स्वीकार किया, इसलिए हमें शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह मिला है। हमारी सरकार निकाय चुनाव कराने से नहीं डरती है। बालासाहेब ठाकरे को अयोध्या आंदोलन से अलग नहीं कर सकते। बाल ठाकरे ने ही हमें ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’ का नारा दिया, जिससे हिंदू समाज एकजुट हुआ। शिंदे का कहना है कि पाटिल ने उनसे कहा था कि उनका इरादा बाला साहेब का अपमान करना नहीं था। विपक्ष पर निशाना साधते हुए सीएम ने महाविकास अघाड़ी की संयुक्त वज्रमुठ रैलियों को वज्रझूठ कहकर संबोधित किया। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि विपक्ष देश तो देश विदेशों में भी भारत और महाराष्ट्र का अपमान कर रहे हैं। यह देशद्रोह है। सीएम ने उद्धव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके अहंकार के कारण राज्य में विकास नहीं हो सका। राज्य के कल्याण के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगने में क्या हर्ज है? शिंदे का कहना है कि उनकी सरकार बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसे उद्धव सरकार ने रोक दिया था। शिंदे का कहना है कि हमारी सरकार इतना अच्छा काम कैसे कर रही है, विपक्ष इस बात को पचा नहीं पा रहा है। शिंदे का कहना है कि वे शिवसेना के सिर्फ कार्यकर्ता हैं और कार्यकर्ता ही रहेंगे। 2024 का चुनाव अभी दूर है, इसलिए चुनावों का नेतृत्व कौन करेगा, यह कहना मुश्किल है। शिंदे ने पार्टी के चहरे वाले सवाल पर कहा कि हर कार्यकर्ता पार्टी का चेहरा होता है।
‘बाल ठाकरे को अयोध्या आंदोलन से अलग नहीं कर सकते’, पाटिल के बयान पर सीएम शिंदे ने दी सफाई
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