भगवनान हनुमान को सहजानंद स्वामी के सामने घुटने पर बैठा दिखाए जाने से बवाल खड़ा हो गया है। धार्मिक नेताओं ने इसपर आपत्ति जताई है। उनकी मांग है कि भित्तिचित्र को हटाया जाए। मोरारी बापू ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया है। घटना गुजरात के बोटाद जिले की है। जानकारी के अनुसार, सौराष्ट्र के बोटाद जिले में एक हनुमान मंदिर स्थित है। हाल ही में, मंदिर परिसर में भगवान हनुमान की एक 54 फीट की विशाल मूर्ति स्थापित है। मंदिर की दीवारें भित्तिचित्र से ढंकी हुई हैं। इन्हीं में से एक भित्तिचित्र में दिखाया गया है कि भगवान हनुमान शिष्य के रूप में सहजानंद स्वामी जी के सामने घुटने पर बैठे हुए हैं। बता दें, सहजानंद स्वामी (1781-1830) स्वामीनारायण संप्रदाय के ईष्ठ हैं। संप्रदाय सहजानंद स्वामी को भगवान स्वामीनारायण के रूप संदर्भित करता है। हनुमान मंदिर का प्रबंधन संप्रदाय के वडताल गाडी गुट द्वारा किया जाता है।
मोरारी बापू ने जताया विरोध
रामकथा वाचक मोरारी बापू ने चित्रों पर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि लोगों को इसके खिलाफ बोलना चाहिए। आजकल लोग अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए भ्रामक तरीकों का सहारा लेते हैं। मंदिर की प्रबंधन समिति ने संप्रदाय के प्रतिष्ठित व्यक्ति के सामने हाथ जोड़े हुए दिखाया है। यह हमारे धर्म का अपमान है। इसके अलावा, अहमदाबाद के भगवान जगन्नाथ मंदिर के दिलीपदासजी महाराज ने कहा कि किसी को भी ऐसे कृत्यों में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे दूसरे धर्म का अपमान हो। धार्मिक नेताओं के भी एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को बोटाद कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने विरोध करते हुए कलेक्टर से शिकायत की कि यह हमारे भगवान का अपमान है। भित्तिचित्र को जल्द से जल्द हटाया जाए। हम मंदिर समिति के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। भित्तिचित्र नहीं हटाई गई तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे और पुलिस थाने में एफआईआर कराएंगे।