राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में चाचा-भतीजे के बीच की जंग अब पार्टी पर कब्जे तक आ गई है। इस बीच, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर पलटवार करते हुए तंज कसा है। उन्होंने एनसीपी में फूट के एक सप्ताह बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह यह देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि भाजपा इस नए कचरे से कैसे निपटेगी। बता दें कि दो जुलाई को पार्टी के मुखिया शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने एनडीए में शामिल होने का एलान कर दिया था। भाजपा की अगुआई वाली एनडीए गठबंधन की सरकार में अब वह डिप्टी सीएम भी हैं। अजित पवार गुट ने 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। इस दौरान उन्होंने एकनाथ शिंदे सहित 16 शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी। ठाकरे ने कहा कि राज्य विधानसभा अध्यक्ष को इस पर निर्णय लेना होगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर स्पीकर इसे दरकिनार कर देते हैं तो सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे हमारे लिए हमेशा खुले हैं। विदर्भ क्षेत्र का दो दिवसीय दौरा शुरू करने के बाद नागपुर में पत्रकारों से वार्ता करने के दौरान उन्होंने यह बातें कहीं। एनसीपी को लेकर बदली हालिया स्थितियों को लेकर जब उनसे भाजपा के बारे में पूछा गया तो टिप्पणी करते हुए उद्धव ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि भाजपा इस बारे में कुछ भी कहने की हकदार है। उसे हमें उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है। मैं बस यह देखने का इंतजार कर रहा हूं कि भाजपा नए मतभेदों को कैसे संभालती है। उनका ये बयान महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की टिप्पणियों के संदर्भ में आया है। दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायकों और उनके बेटे आदित्य ठाकरे सहित उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस के जरिए उनके खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब मांगा गया है। इन विधायकों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। वहीं, इससे एक दिन पहले यानी शुक्रवार को नार्वेकर ने सीएम शिंदे सहित शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करेंगे। बता दें कि बीते साल जून शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ एकनाथ शिंदे सहित 40 विधायकों ने विद्रोह कर दिया था। ऐसा करके उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिरा दी थी। बाद में शिंदे बीजेपी के समर्थन से सीएम भी बने। वहीं, अब बीती 2 जुलाई को एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित ने अपनी पार्टी से बगावत कर दी है।
‘भाजपा कैसे इस नए कचरे से निपटती है, इसे देखने के लिए कर रहा इंतजार’; NCP में फूट पर उद्धव का तंज
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