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भारतीय टीम में चहल के शतरंज साथी हैं अश्विन, युजवेंद्र बोले- शतरंज ने शांत रहना सिखाया

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क्रिकेट से पहले युजवेंद्र चहल का पहला प्यार शतरंज था, लेकिन क्रिकेट खेलते हुए भी चहल अपने आपको को शतरंज से दूर नहीं कर पाए हैं। भारतीय क्रिकेट टीम में भी उन्होंने अपने शतरंज के जोड़ीदार बना लिए हैं। यात्रा के दौरान या फिर हवाई यात्रा के दौरान युजवेंद्र की शतरंज की बिसात रविचंद्रन अश्विन या फिर टीम के ट्रेनर शंकर बसु के साथ बिछती है। अगर उन्हें कोई नहीं मिलता है तो वह इंटरनेट पर शतरंज खेलना नहीं भूलते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम और शतरंज की बात छिडऩे पर युजवेंद्र हंसते हुए कहते हैं कि उन्हें शतरंज में क्रिकेट टीम का कोई भी खिलाड़ी नहीं हरा पाता है। हम यात्रा के दौरान अक्सर शतरंज खेलते हैं, लेकिन हम शतरंज ज्यादा यात्रा के दौरान या हवाई जहाज में ही खेल पाते हैं। चहल कहते हैं कि वह कई बार मैच से पहले भी इंटरनेट पर शतरंज खेलते हैं, जिससे उन्हें एकाग्रचित रहने में मदद मिलती है। 21 जून से दुबई में शुरू हुए ग्लोबल शतरंज लीग की टीम एसजी अल्पाइन वारियर्स के ब्रांड एंबेसडर युजवेंद्र चहल लीग में पहुंचे, जहां उन्होंने पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद और मैग्नस कार्लसन समेत अन्य शतरंज के दिग्गजों से मुलाकात की। चहल कहते हैं कि मेरी पहली जर्सी शतरंज खेलते हुए आई थी और इस खेल ने मुझे शांत रहना सिखाया। क्रिकेट खेलने के दौरान भी शतरंज मुझे मदद करता है। कभी आप विकेट नहीं ले पा रहे होते हो तब शांत रहने की जरूरत होती है। उस दौरान यह मेरी काफी मदद करता है।

क्रिकेट और शतरंज काफी हद तक समान
युजवेंद्र कहते हैं कि क्रिकेट और शतरंज काफी हद तक समान खेल हैं। हालांकि क्रिकेट में आपको आक्रामकता दिखाने का मौका मिलता है, लेकिन शतरंज में आप ऐसा नहीं कर सकते हैं। यहां आपको शांत और अपने को केंद्रित करके रखना पड़ता है और यही जीवन में आपकी सहायता करता है। लीग के मौके पर चहल कहते हैं कि शतरंज छोडऩे के बाद उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि वह कभी भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलेंगे। उन्होंने कहा कि देश में क्रिकेट को लोग ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन ग्लोबल चेस लीग शतरंज का आईपीएल है।

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