
भारतीय गुणवत्ता प्रबंधन प्रतिष्ठान (आईएफक्यूएम) की ओर से आयोजित प्रथम वार्षिक संगोष्ठी में केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि रतन टाटा ने बहुत कठिन परिस्थितियों में आगे बढ़कर नेतृत्व किया, और वास्तव में एक अंतरराष्ट्रीय समूह बनाया। उन्होंने समूह की उपलब्धियों के साथ भारत को गौरवान्वित किया। गोयल ने कहा, “रतन टाटा ने ब्रांड इंडिया को दुनिया भर में, सीमाओं के पार ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने वास्तव में यह दुनिया को यह दिखाया कि हम यह कर सकते हैं, हमारे पास दुनिया में बदलाव लाने की क्षमता है। उन्होने एक सख्त एग्जीक्यूटिव की छवि होने के बावजूद, इसे बहुत ही दयालु तरीके से किया। उनका नेतृत्व हमें बहुत कुछ सिखाता है।”
भारतीय ब्रांड को स्थापित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद जरूरी
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इस दृष्टिकोण के बिना भारत को वास्तव में प्रतिस्पर्धी बनाना बहुत मुश्किल होगा। गोयल ने जोर देकर कहा कि गुणवत्ता को प्राथमिकता देने से न केवल घरेलू मांगें पूरी होंगी बल्कि भारत वैश्विक बाजारों की सेवा करने की स्थिति में भी आएगा। उन्होंने कहा, “इससे नौकरियां पैदा करने, आर्थिक गतिविधि का विस्तार करने और भारत की आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने की हमारी क्षमता प्रभावित होगी।” गोयल ने उद्योग जगत के नेताओं से गुणवत्ता को एक दीर्घकालिक बदलाव के रूप में अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त ब्रांड बनने के लिए, भारत को अपने उत्पादों और सेवाओं को गुणवत्ता का पर्याय बनाना चाहिए। अपने संबोधन में, गोयल ने गुणवत्ता मानकों को अपनाने में भारत के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार किया, विशेष रूप से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश पेश करते समय शुरुआती प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस विरोध पर काबू पाना भारत के आर्थिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “हमें 20-25 सालों में गुणवत्ता को एक आंदोलन के तौर पर अपनाना होगा, इसके बिना भारत को वास्तव में प्रतिस्पर्धी बनाना बहुत मुश्किल होगा। भारत को दुनिया में एक ब्रांड बनाने की हमें आकांक्षा रखनी होगी, ताकि दुनिया को लगे कि अगर यह भारत से आ रहा है, तो इसकी गुणवत्ता अच्छी ही होगी, तभी हम वास्तव में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन पाएंगे।”