
भारत व जर्मनी ने यूक्रेन में लंबे समय से चल रहे युद्ध और उसके दुखद मानवीय परिणामों पर गहरी चिंता जताई। पीएम नरेंद्र मोदी व चांसलर ओलाफ शोल्ज ने इस बात पर सहमति जताई कि संघर्ष के संदर्भ में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी ‘अस्वीकार्य’ है। भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श के सातवें दौर की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि उन्होंने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की। दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की आवश्यकता को दोहराया, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप हो, जिसमें संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान शामिल हो। इसके अलावा दोनों नेताओं की वार्ता के बारे में जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि जर्मनी में पालन-पोषण के लिए रखी गई तीन वर्षीय भारतीय लड़की अरिहा शाह को लेकर शोल्ज ने पीएम मोदी को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। उसके माता-पिता भावेश और धारा शाह महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मीरा भयंदर के निवासी हैं। शोल्ज ने कहा, मुझे यकीन है कि दोनों पक्ष विभिन्न चैनलों के माध्यम से इस मुद्दे पर संपर्क में रहेंगे। ओलाफ शोल्ज ने कहा कि यूरोप और भारत के बीच होने वाला सहयोग दोनों के लिए लाभकारी है और इसमें पूरी दुनिया के बाजार में क्रांति लाने की क्षमता है। शोल्ज दिल्ली में एयरबस इंडिया मुख्यालय और प्रशिक्षण केंद्र में नए पायलट प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत दक्षिण एशिया में स्थिरता का आधार है।
पीएम मोदी ने कहा- भारत की विकास गाथा में भाग लेने का यही सही समय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि निवेशकों और व्यवसायों के लिए भारत से बेहतर क्या कोई और जगह हो सकती है? विकास के चार प्रमुख स्तंभ प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, नवाचार और बुनियादी ढांचा सभी यहां मौजूद हैं। इन सभी को आगे बढ़ाने के लिए, हमारे पास आकांक्षी भारत (एस्पिरेशनल इंडिया-एआई) की शक्ति है। जर्मन बिजनेस के 18वें एशिया-प्रशांत सम्मेलन-2024 में पीएम मोदी ने जोर दिया कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत की विकास गाथा में भाग लेने, ‘मेक इन इंडिया’ पहल में शामिल होने और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ में शामिल होने का यही ‘सही’ समय है। जर्मन कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, भारत कौशल और प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर, हरित हाइड्रोजन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों से जुड़े महत्वपूर्ण मिशन निवेश व सहयोग के मौके प्रदान कर रहे हैं। निवेश के लिए आज भारत से बेहतर कोई जगह नहीं है। 12 साल बाद हो रहे इस सम्मेलन में मोदी ने कहा, सरकार ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए रोडमैप तैयार किया है। इस महत्वपूर्ण समय में जर्मन कैबिनेट ने भी दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए ‘भारत पर फोकस’ दस्तावेज जारी किया है। उन्होंने कहा, भारत विविधीकरण, जोखिम-मुक्ति, व्यापार और विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है। यह जर्मन कम्पनियों को बड़े मौके उपलब्ध कराता है।