भारत के लोग इन दिनों भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। एक ओर जहां ये उच्च तापमान लोगों को झुलसा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर इससे महंगाई बढ़ने का खतरा भी अधिक है। जी हां, गर्मी महंगाई में इजाफा कर सकती है, ऐसा कहना है रेटिंग एजेंसी मूडीज का। सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा है कि लंबे समय तक उच्च तापमान भारत के लिए नुकसानदेह है, क्योंकि इससे महंगाई बढ़ सकती है और वृद्धि प्रभावित हो सकती है।
रेटिंग एजेंसी ने दिया यह तर्क
मूडीज के मुताबिक दीर्घावधि में, भौतिक जलवायु जोखिमों के प्रति भारत के अत्यधिक नकारात्मक ऋण जोखिम का मतलब है कि इसकी आर्थिक बढ़त का अस्थिर होना। भारत को लगातार जलवायु संबंधी घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि वैसे तो भारत में गर्मी की लहर काफी आम हैं, लेकिन यह आमतौर पर मई और जून में अपने हाई पर होती हैं। हालांकि, इस साल नयी दिल्ली में मई में गर्मी की पांचवीं लहर देखी गई, जिससे अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि लंबे समय तक उच्च तापमान देश के उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्से को प्रभावित करेगा, जिससे गेहूं उत्पादन पर असर पड़ सकता है। साथ ही यह बिजली की कटौती का कारण भी बन सकता है। इस कारण उच्च मुद्रास्फीति और वृद्धि के जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।
गेंहू के उत्पादन में की कटौती
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने भीषण गर्मी के मद्देनजर जून, 2022 को समाप्त होने वाले फसल वर्ष के लिए गेहूं का उत्पादन अनुमान 5.4 प्रतिशत घटाकर 15 करोड़ टन कर दिया है। कम उत्पादन और वैश्विक स्तर पर गेहूं की अधिक कीमतों को देखते हुए हाल ही में सरकार ने गेंहू के निर्यात पर रोक लगाई है। यह प्रतिबंध ऐसे समय में आया है, जब रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष के बाद भारत गेहूं की मांग के वैश्विक अंतर को पूरा करने में सक्षम हो सकता है। इससे जहां हाल समय में फायदा होगा, तो बाद में आर्थिक वृद्धि को नुकसान भी उठाना होगा।