एक असफल हत्या की साजिश में भारतीयों का हाथ होने के अमेरिका के आरोपों और सिख अलगाववादी की हत्या से संबंधित कनाडा के आरोपों पर ऑस्ट्रेलिया ने बुधवार को कहा कि उसे इन मामलों पर चिंता है। हालांकि, उसने इस बात पर जोर दिया कि नई दिल्ली और कैनबरा संवेदनशील मुद्दों को सुलझाने में में सक्षम हैं। एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित एक इंटरैक्टिव सत्र में भारत में नवनियुक्त ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कहा कि दोनों पक्ष इन मुद्दों पर सावधानीपूर्वक चर्चा करते हैं। नवनियुक्त दूत ने कहा कि भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी ‘फाइव-आइज’ पार्टनर के रूप में कम और भारत के मित्र के रूप में अधिक है। द फाइव आइज (एफवीईवॉय) एक खुफिया-साझेदारी गठबंधन है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड और यूके शामिल हैं। इससे पहले भारत ने कनाडा के आरोपों को सिरे से नकार दिया था। सरकार ने कहा था कि कनाडा ने अपनी धरती पर एक खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या मामले में भारत की संलिप्तता के आरोपों को लेकर कोई सबूत साझा नहीं किया है।
विदेश राज्य मंत्री ने संसद में कही यह बात
विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने बीते शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि सरकार ने कनाडा को उस देश में भारत विरोधी तत्वों की गतिविधियों पर अपनी चिंताएं बताई हैं। हमने ओटावा से ऐसे तत्वों को पनाह नहीं देने को कहा है। इसके अलावा हमने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में शामिल होने के आरोपों को खारिज कर दिया है। बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 जून को कनाडाई धरती पर खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता का सनसनीखेज आरोप लगाया था। हालांकि, भारत ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था। वहीं, अमेरिका के संघीय अभियोजकों ने निखिल गुप्ता पर अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखने वाले सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को जान से मारने की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया है।