भारत और रूस के संबंधों को लेकर पश्चिमी देशों की आलोचना पर रूस के उपराजदूत रोमन बाबुश्किन ने कहा कि कुत्तों के भौंकने से हाथी नहीं डरते हैं। उन्होंने कहा, दोनों देशों के रिश्ते बहुत पुराने हैं। बाबुश्किन ने एक साक्षात्कार में कहा, रूस में कहते हैं कि पश्चिमी देश आपकी आलोचना करते हैं, तो इसका मतलब है कि आप सब-कुछ सही कर रहे हैं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा पर पश्चिमी देशों की आलोचना से जुड़े सवाल पर यह बात कही। बाबुश्किन ने कहा, पश्चिमी देश अपने एकाधिकार को सुरक्षित रखने में भूल जाते हैं कि औपनिवेशिक समय बीती सदी में खत्म हो गया। भारत पर दबाव बनाना सही नहीं है। रूस व भारत ऐतिहासिक संबंधों के साथ स्थिर राष्ट्र हैं। रिश्तों को बनाए रखना दोनों देशों की प्राथमिकता है। भारत की आबादी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, क्या पश्चिमी देश डेढ़ अरब लोगों को धोखा देना चाहते हैं। यह कभी नहीं होगा।
अमेरिकी एनएसए ने दिया था बयान
गौरतलब है कि उनका यह बयान तब आया है जब हाल ही में अमेरिकी एनएसए ने भारत और रूस के रिश्तों पर बयान दिया था। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने कहा कि इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि भारत रूस के साथ अपने सैन्य और प्रौद्योगिकी संबंधों को गहरा कर रहा है। मैंने उस उस यात्रा (पीएम मोदी का रूस दौरा) में ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं देखा कि उनके संबंध गहरे हो रहे हैं। मैंने वहां ऐसी कोई घोषणा होती हुई नहीं देखी।