केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में आयोजित भारत-मलयेशिया सीईओ फोरम की बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग को मजबूत करने महत्व पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोमवार को बैठक को संबोधित करते ऐसे कई क्षेत्रों पर प्रकाश डाला, जहां दोनों देश अधिक गहराई से सहयोग कर सकते हैं, जिससेउनके व्यापार और व्यावसायिक संबंधों का विस्तार हो सकता है। फोरम ने दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं को आपसी अवसरों का पता लगाने और विकास को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए कए मंच प्रदान किया। गोयल ने भारत और मलयेशिया में व्यवसायों के बीच अधिक तालमेल की संभावना पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचे, पर्यटन, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-कॉमर्स और स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में। उन्होंने दोनों देशों के बीच साझेदारी को और मजबूत करने के लिए इन क्षेत्रों में दोनों देशों की ओर से संयुक्त प्रयास किए जाने के महत्व पर जोर दिया। गोयल ने कहा, “भारत और मलयेशिया को अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए कई क्षेत्रों में गहन सहयोग की तलाश करनी चाहिए। एक साथ बढ़ना हमारा मंत्र है। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्षों के व्यवसायी एक आकर्षक चर्चा करेंगे और हम व्यापार, पर्यटन, प्रोद्योगकी, इन सभी क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की दिशा में बढ़ेंगे। आइए हम एक साथ बढ़ने पर विचार करें।” अपने संबोधन में गोयल ने तेल और गैस क्षेत्रों में भारत की प्रगति पर भी बात की और मलयेशियाई व्यावसायों को इन क्षेत्रों में विशाल अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत अपने तेल और गैस ड्रिलिंग के क्षेत्रों को तेजी से खोल रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए कई संभावनाएं पैदा हो रही हैं। गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग उन क्षेत्रों पर केंद्रित होना चाहिए जहां एक देश को दूसरे देश पर तुलनात्मक रूप से लाभ हासिल है। उन्होंने सुझाव दिया कि यह दृष्टिकोण भारत और मलयेशिया के बीव व्यापारिक संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है, जिससे आपसी विकास हो सकता है। गोयल ने कहा कि हमारे शैक्षणिक स्थान बहुत अच्छा काम कर सकते हैं, एमआरए (पारस्पारिक मान्यता समझौते) एक-दूसरे उद्योगों के लिए अधिक जुड़ाव और समर्थन के लिए आगे का रास्ता होगा। केंद्रीय मंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को एक अन्य ऐसा क्षेत्र बताया जहां भारत मलयेशिया की विशेषज्ञता से लाभान्वित हो सकता है। उन्होंने इस क्षेत्र में दोनों देशों के सूक्षम, लघु और मध्यम उद्योंगों (MSMEs) के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
मलयेशियाई कंपनियों को भारत में तेल, गैस व इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश का न्योता, मंत्री यह बोले
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