महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने एनसीपी पर राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले की हालिया पीठ में छुरा घोंपने वाली टिप्पणी को हास्यास्पद करार दिया। पटोले पर पलटवार करते हुए एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने आश्चर्य जताया कि क्या भाजपा को भी उनपर (पटोले) पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाना चाहिए क्योंकि उन्होंने 2018 में कांग्रेस में शामिल होने के लिए भगवा पार्टी छोड़ दी थी। यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए अजीत पवार ने कहा कि किसी भी जिम्मेदार नेता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बयानों का गलत अर्थ न निकाला जाए। पवार ने यह भी कहा कि राज्य के मौजूदा हालात में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में 145 के जादुई आंकड़े को तभी पार कर सकती हैं, जब वे एक साथ हों।
गोंदिया जिला परिषद में एनसीपी-भाजपा ने मिलाया था हाथ
गोंदिया जिला परिषद (जेडपी) चुनावों में शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी के प्रतिद्वंद्वी भाजपा के साथ हाथ मिलाने के एक दिन बाद पटोले ने सहयोगी राकांपा पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाते हुए महाविकास अघाड़ी (एमवीए) खेमे में हंगामा मचा दिया। पटोले ने यह भी कहा था कि पार्टी के आगामी उदयपुर सम्मेलन में कांग्रेस आलाकमान को पिछले ढाई साल की राकांपा के कारनामों से अवगत कराया जाएगा। पवार ने कहा कि नाना पटोले का बयान हास्यास्पद है। आप सभी जानते हैं कि वह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। तो क्या भाजपा को यह आरोप लगाना चाहिए कि उन्होंने (पटोले) कांग्रेस में शामिल होने के लिए पीठ में छुरा घोंपा? उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर दोनों दलों के नेताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं। साथ ही कहा कि अगर एमवीए घटकों के बीच समन्वय है तो ऐसे मुद्दे नहीं उठेंगे। हम सभी जानते हैं कि कांग्रेस ने कुछ तालुका और जिला स्तरों पर (अतीत में) भाजपा के साथ गठजोड़ किया था। मैं इसे ज्यादा महत्व नहीं देना चाहता। लेकिन जिम्मेदार नेताओं को बोलते समय ध्यान रखना चाहिए कि उनकी टिप्पणियों का गलत अर्थ नहीं लगाया जाए। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना को अपना-अपना आधार बढ़ाने का अधिकार है।