मुंबई: कोरोना की तीसरी लहर के बीच महाराष्ट्र सरकार ने एक अहम और छात्रों के लिए फायदेमंद फैसला लिया है। शिक्षा विभाग ने आगामी 24 जनवरी से राज्य में स्कूलों को खोलने का निर्णय मुख्यमंत्री की सहमति के बाद लिया है। आपको बता दें कि शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री के पास स्कूल खोलने से संबंधित एक प्रस्ताव भेजा था। जिसे गुरुवार दोपहर मंजूर कर लिया गया है। आदेश के अनुसार पहली से लेकर बारहवीं तक के स्कूल खोले जायेंगे।
स्थानीय प्रशासन लेगा स्कूल खोलने का निर्णय
बीते कुछ दिनों से राज्य के अलग-अलग जिलों से कई अभिभावक और संगठन स्कूलों को खोलने की मांग कर रहे थे।फिलहाल नए आदेश के अनुसार जिन जगहों पर कोरोना के मामले कम हैं। वहां स्थानीय प्रशासन अपने अनुसार स्कूलों को खोलने का निर्णय ले सकता है।
अभिभावकों की सहमति जरूरी
स्कूल खोलने के साथ यह भी निर्देश दिया गया है कि जिन बच्चों के अभिभावक अपनी सहमति से उन्हें स्कूल भेजना चाहेंगे। सिर्फ उन्हीं बच्चों को आने की इजाजत होगी। इसके अलावा सभी बच्चों, कर्मचारी और शिक्षकों को भी कोरोना वैक्सीन के डोज़ दिए जाएंगे।
राज्य में संक्रमण बढ़ने के बाद बंद कर दिए गए थे स्कूल
कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट का संक्रमण बढ़ने के बाद राज्य में स्कूल बंद कर दिए गए थे। अब जब ओमीक्रोन वेरिएंट का संकट और संक्रमण उतार पर हैं, तो अभिभावक और अध्यापक स्कूल खोलने की मांग कर रहे थे। ज्यादातर अभिभावकों का यह मत था कि ऑनलाइन पढ़ाई ठीक नहीं है। इस मांग को देखते हुए स्कूली शिक्षा विभाग ने शिक्षा विशेषज्ञों और अध्यापकों से विचार-विमर्श किया था। उसके बाद सोमवार से स्कूल खोलने की अनुमति दिए जाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा था ।
कोविड मुआवजे में देरी पर SC की राज्यों को फटकार
कोविड से मौत के मामलों में मुआवजा देने में देरी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों की खिंचाई की। कोर्ट ने राज्यों से कहा कि जो बच्चे अनाथ हुए हैं, उनके लिए आवेदन करना मुश्किल है। ऐसे बच्चों तक राज्य सरकार खुद पहुंचे और उन्हें मुआवजा दे। आवेदनों को तकनीकी कारणों से रिजेक्ट न किया जाए।
इंटरनैशनल यात्री उड़ानों पर बैन 28 फरवरी तक बढ़ा
भारत के नागरिक उड्डयन नियामक डीजीसीए ने बुधवार को निर्धारित अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों पर प्रतिबंध 28 फरवरी, 2022 तक बढ़ा दिया है। एक अधिसूचना में डीजीसीए ने अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों पर प्रतिबंध 28 फरवरी, 2022 तक बढ़ाने की बात कही है। यह प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय ऑल-कार्गो संचालन और डीजीसीए की ओर से विशेष रूप से अनुमोदित उड़ानों पर लागू नहीं होगा। हालांकि, एयर बबल समझौते के तहत उड़ानें प्रभावित नहीं होंगी।