कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर एक बार फिर हमला किया। उन्होंने रविवार को दावा किया कि सरकार अपने कुछ पूंजीपति मित्रों के फायदे के लिए लाखों युवाओं की उम्मीदें कुचल रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में दो लाख से अधिक नौकरियों को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीएसयू भारत का गौरव और रोजगार के लिए हर युवा का सपना हुआ करता था, लेकिन आज वे सरकार की प्राथमिकता नहीं हैं। देश के पीएसयू में नौकरियां 2014 में 16.9 लाख थीं, जो अब कम होकर 2022 में मात्र 14.6 लाख रह गई हैं। राहुल ने सरकार से पूछा कि क्या एक प्रगतिशील देश में नौकरियां कम होती हैं? उन्होंने कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में 1,81,127, भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) में 61,928, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) में 34,997, दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) में 29,140, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में 28,063 और ओएनजीसी (तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड) में 21,120 नौकरियां कम हुई हैं। राहुल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हर साल दो करोड़ रोजगार देने का झूठा वादा करने वालों ने नौकरियां बढ़ाने की जगह दो लाख से अधिक नौकरियां खत्म कर दी हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा इन संस्थानों में संविदा पर भर्तियां लगभग दोगुनी कर दी गईं। क्या संविदा कर्मचारी बढ़ाना आरक्षण का संवैधानिक अधिकार छीनने का तरीका नहीं है? क्या यह आखिरकार इन कंपनियों के निजीकरण की साजिश है? राहुल ने कहा कि उद्योगपतियों का ऋण माफ और पीएसयू से सरकारी नौकरियां साफ। ये कैसा अमृतकाल है? उन्होंने सवाल किया कि अगर यह वाकई में ‘अमृतकाल’ है तो नौकरियां इस तरह गायब क्यों हो रही हैं? उन्होंने कहा कि देश इस सरकार के शासन में रिकॉर्ड बेरोजगारी से जूझ रहा है, क्योंकि लाखों युवाओं की उम्मीदों को कुछ पूंजीपति मित्रों के फायदे के लिए कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के पीएसयू को अगर सरकार से सही वातावरण और समर्थन मिले, तो वे अर्थव्यवस्था और रोजगार दोनों को बढ़ाने में सक्षम हैं। पीएसयू देश और देशवासियों की संपत्ति हैं। उन्हें आगे बढ़ाना होगा, ताकि वे भारत की प्रगति के मार्ग को मजबूत कर सकें।
‘मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए युवाओं के साथ किया अन्याय, PSU में दो लाख नौकरियां खत्म’
240