मुंबई, अडिशनल डीजी रश्मि शुक्ला को सोमवार को मुंबई साइबर पुलिस के सामने पेश होने का समन पिछले सप्ताह भेजा गया था। लेकिन शुक्ला ने पुलिस के सामने पेश होने के बजाय बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया। रश्मि शुक्ला को मुंबई पुलिस ने एक सप्ताह में दूसरा समन भेजा था। इससे पहले भेजे गए समन के जवाब में शुक्ला ने साइबर पुलिस से कहा था कि वह अपने सवाल उन्हें मेल कर दे। वह मेल से जवाब भेज देंगी, लेकिन मुंबई पुलिस ने उनके अनुरोध को ठुकरा दिया था।
शुक्ला इन दिनों सीआरपीएफ के दक्षिण जोन की अतिरिक्त महानिदेशक के तौर पर हैदराबाद में तैनात हैं। अपनी गिरफ्तारी की आशंका में उन्होंने अपने वकील समीर नांगरे के जरिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की। नांगरे ने अदालत से अनुरोध किया कि वह पुलिस को शुक्ला के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दे। याचिका में आरोप लगाया गया है, ‘प्रशासन की मंशा याचिकाकर्ता को झूठे और मनगढ़ंत मामले में फंसाने की है।’
पिछले महीने एसआईडी की शिकायत पर मुंबई के बीकेसी साइबर पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ अवैध रूप से फोन टैपिंग और गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में शुक्ला पर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत मामला दर्ज किया गया। चूंकि रश्मि शुक्ला पिछले साल तक खुद एसआईडी की चीफ रही हैं और यह कथित फोन टैपिंग उस समय हुई थी, इसलिए जांच के घेरे में वह सबसे ज्यादा हैं।
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस तबादलों में कथित भ्रष्टाचार को लेकर कथित रूप से शुक्ला द्वारा तत्कालीन पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र का हवाला देते हुए इस मामले का खुलासा किया था। इस पत्र में टैप की गईं उन कॉल की जानकारी दी गई थी, जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया था। महाराष्ट्र में वर्तमान सरकार के कई नेताओं ने आरोप लगाए थे कि शुक्ला ने बिना अनुमति के फोन टैप किए।
बीकेसी साइबर पुलिस स्टेशन में एफआईआर महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपी गई एक रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई थी। रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि ऐसा प्रतीत होता है कि शुक्ला ने खुद ही वह गोपनीय रिपोर्ट साझा की।
मुंबई पुलिस के सामने नहीं पेश हुईं रश्मि शुक्ला, हाई कोर्ट गईं
618