मुंबई में इन दिनों गैस्ट्रो बीमारी का प्रकोप फैला हुआ है। इसका अंदाजा बीएमसी स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। महज 7 दिन में गैस्ट्रो के 65 फीसद मरीज बढ़े हैं। गैस्ट्रो के अलावा इस वर्ष लेप्टो को छोड़कर सभी मॉनसूनी बीमारियों का असर अब तक बना हुआ है। यह इतना अधिक है कि इन बीमारियों ने पिछले वर्ष का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। महानगर में मलेरिया भी काफी फैल रहा है।
बता दें कि कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों का भी उफान मुंबई में रहा है। यही वजह है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मलेरिया, डेंगी, गैस्ट्रो, हेपेटाइटिस, चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू के अधिक मरीज मिले हैं। अभी वर्ष खत्म भी नहीं हुआ कि इन बीमारियों ने पिछले वर्ष के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हालांकि राहतभरी बात यह है कि इन बीमारियों से होने वाली मौतें पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कम हैं। इस वर्ष मॉनसूनी बीमारियों में से एक लेप्टो बीमारी नियंत्रण में रही। वर्ष 2020 में लेप्टो से 240 लोग बीमार पड़े थे और 8 लोगों की मौत हुई थी, जबकि इस वर्ष लेप्टो से पीड़ित मरीजों की संख्या कम रही।
लेप्टो से अभी तक 222 मरीज बीमार
बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इस वर्ष लेप्टो से अभी तक 222 मरीज ही बीमार पड़े, जबकि इससे 4 लोगों की मौत हुई है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 12 दिसंबर तक मलेरिया से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है, जबकि डेंगी से इस वर्ष 3 लोगों की मौत हुई है। पिछले वर्ष भी डेंगी से 3 लोगों की ही मौत हुई थी। बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमारे ने बताया कि मुंबई में कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष इन मॉनसूनी बीमारियों से होनेवाली मौत को रोकने में बीएमसी काफी हद तक सफल रही है।
मुंबई में बढ़ रहा है गैस्ट्रो बीमारियों का प्रकोप, 7 दिन में 65 फीसदी मरीज बढ़े
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