महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत के बाद एनसीपी प्रमुख अजित पवार का आत्मविश्वास चरम पर है। यही वजह है कि जब उनका सामना अपने भतीजे रोहित पवार से हुआ तो उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि अगर मैंने तुम्हारी सीट पर प्रचार किया होता तो तुम्हारा जीतना मुश्किल होता! गौरतलब है कि हालिया चुनाव में रोहित पवार मामूली अंतर से जीत दर्ज कर सके। रोहित पवार भाजपा के राम शिंदे के सामने हारते-हारते बचे और सिर्फ 1,243 वोटों से ही चुनाव जीत सके। सोमवार को रोहित पवार और शरद पवार राज्य के पहले मुख्यमंत्री वाई बी चव्हाण की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके स्मारक पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बाद में राज्य के डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार भी वाई बी चव्हाण के स्मारक उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। जहां उनका मुकाबला रोहित पवार से हुआ। इस दौरान अजित पवार ने रोहित पवार को जीत की बधाई दी और मजाक करते हुए कहा कि ‘इधर आओ, मेरा आशीर्वाद लो। तुम मुश्किल से ही जीत पाए हो और अगर मैंने तुम्हारी सीट पर प्रचार किया होता तो सोच लो क्या हुआ होता।’ इसके बाद रोहित पवार ने भी अजित पवार के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।
रोहित ने भी नहले पर मारा दहला
इसके बाद मीडिया से बात करते हुए रोहित पवार ने कहा कि ‘अजित पवार उनके पिता समान हैं। 2019 के चुनाव में उन्होंने (अजित पवार) मेरी बहुत मदद की थी। वह मेरे चाचा हैं और ये मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उनके चरण स्पर्श करूं। यह चव्हाण साहब की धरती है और यहां परंपरा और मूल्यों का पालन किया जाना चाहिए।’ अजित पवार के मजाक पर रोहित पवार ने कहा कि ‘ये सच है कि अगर उन्होंने मेरी सीट पर प्रचार किया होता तो हालात कुछ और ही होते, लेकिन वे बारामती में व्यस्त थे और मेरी विधानसभा में आने का उन्हें समय ही नहीं मिला।’ रोहित पवार ने अहिल्यानगर जिले की करजत जामखेड़ सीट से चुनाव लड़ा था और भाजपा उम्मीदवार राम शिंदे के सामने उन्हें कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा और मामूली अंतर से ही अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। रोहित पवार ने अजित पवार को जीत की बधाई भी दी। हालिया विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 234 सीटें जीतकर महायुति ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है। वहीं अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 41 सीटों पर जीत दर्ज की। अजित पवार के चाचा और एनसीपी एसपी प्रमुख शरद पवार की पार्टी की प्रदर्शन निराशाजनक रहा और वे सिर्फ 10 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सके। अजित पवार ने बारामती सीट पर अपने भतीजे युगेंद्र पवार को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराया।
भतीजे युगेंद्र के अपने खिलाफ चुनाव लड़ने पर क्या बोले अजित
वहीं अजित पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नए सरकार के गठन को लेकर महायुति के सहयोगियों में चर्चा जारी है। अजित पवार ने विधानसभा चुनाव में जीत के लिए उनकी सरकार की लाडकी बहिन योजना की अहम भूमिका बताई। अजित पवार ने कहा कि उनका गठबंधन राज्य के विकास के लिए मिलकर काम करेगा। अपने खिलाफ भतीजे युगेंद्र के चुनाव लड़ने पर भी अजित पवार ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि ‘मैंने पहले ही सुप्रिया के सामने सुनेत्रा को चुनाव लड़ाने को लेकर माफी मांग ली थी, फिर मेरे खिलाफ युगेंद्र को क्यों उतारा गया?