महाराष्ट्र में युवाओं के सामने आने वाले मुद्दों को उजागर करने के लिए पुणे से नागपुर तक पैदल मार्च ‘युवा संघर्ष यात्रा’ को मंगलवार को हरी झंडी दिखाई गई। इस दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी मौजूद रहे। इस यात्रा का नेतृत्व एनसीपी विधायक और शरद पवार के पोते रोहित पवार ने किया। यात्रा के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दे डाली। सरकार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, अगर सरकार में शामिल लोग सत्ता अपने हाथ में रखना चाहते हैं तो वे महाराष्ट्र में ‘युवा संघर्ष यात्रा’ निकाल रहे युवाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते। यह मार्च राज्य के युवाओं को प्रोत्साहित करेगा और मुझे यकीन है कि इस युवा संघर्ष यात्रा से परिवर्तन और आपकी मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा, युवाओं की मांगों के चार्टर में यह भी शामिल है कि शैक्षणिक संस्थान ज्यादा फीस न लें और बच्चों के माता-पिता से ली गई अतिरिक्त फीस वापस करें। यात्रा के दौरान युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, मांगों में स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों और प्रोफेसरों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया एमपीएससी के माध्यम से की जानी चाहिए। छत्रपति संभाजीनगर, सोलापुर, कोल्हापुर और अमरावती जैसे शहरों में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों का विकास शामिल है।
शरद पवार बोले, इन मुद्दों के लिए सीएम से लेंगे समय
युवाओं को संबोधित करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा,आप इन सभी मांगों को एक साथ जोड़कर मुख्यमंत्री को सौंपे। यदि आप चाहें तो मैं युवाओं द्वारा की गई इन सभी मांगों के लिए एक बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्री से बात करूंगा। मैं व्यक्तिगत रूप से आप लोगों के साथ बैठक में उपस्थित रहूंगा। उन्होंने कहा कि सीएम से इन मांगों पर फैसले की समयसीमा के बारे में पूछा जाएगा और अगर मांगें पूरी हुईं तो सीएम को बधाई दी जाएगी, लेकिन अगर काम नहीं हुआ तो तय करेंगे कि क्या करना है। पैदल मार्च ‘युवा संघर्ष यात्रा’ में भाग लेने वाले युवा 800 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए 13 जिलों की यात्रा करेंगे। 45 दिवसीय यात्रा राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान नागपुर में खत्म होगी।
‘युवाओं की मांगों को नजरअंदाज न करें’, युवा संघर्ष यात्रा में शरद पवार ने राज्य सरकार को घेरा
48