महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने बताया कि अगर उन्होंने ट्रेनिंग में जाते समय बीच में अपनी योजना नहीं बदली होती तो शायद वे अभी भारतीय सेना में सेवा दे रहे होते। 59 वर्षीय नेता पिछले साल ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने इस फैसले का बिलकुल भी अफसोस नहीं है। महाराष्ट्र सीएम शिंदे का सेलेक्शन भारतीय सेना में हो गया था और उन्हें ट्रेनिंग के लिए लखनऊ जाना था। लखनऊ जाते समय उन्हें अपने दोस्त हरि परमार का एक निमंत्रण याद आया जिसके लिए उन्हें रोहतकक, हरियाणा जाना था। शिंदे ने अपना रास्ता बदला और दिल्ली से रोहतक पहुंचे। करीब तीन से चार दिन बाद वह रोहतक से ट्रेनिंग के लिए लखनऊ पहुंचे। वहां उन्हें बताया गया कि उनकी बस छूट गई है और उन्हें अब ट्रेनिंग के लिए नया वॉरंट लेकर आना होगा। शिंदे ने बताया कि जब वह मुंबई वापस आए तो यहां चारो तरफ दंगा फैला हुआ था। उन्होंने पूरा मामला वहीं छोड़ दिया और राजनीति की दुनिया में किस्मत आजमाने चले गए। शिंदे ने बताया कि रोहतक में शादी के दौरान एक मेहमान ने शादी में समारोह में आने की बात रखने और शामिल होने के लिए उनकी तारीफ की थी।
पत्नी ने रखा सबका ध्यान
शिंदे ने कहा कि अपने सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में व्यस्त होने के कारण वह अपने परिवार को ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं। उनकी पत्नी सबका ध्यान रखती है और सुनिश्चित किया कि उनका बेटा श्रीकांत शिंदे बड़ा होकर एक अच्छा डॉक्टर और राजनीतिज्ञ बने। बता दें कि श्रीकांत शिंदे लोकसभा में कल्याण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। शिंदे ने कहा कि उन्होंने भले ही भारतीय सेना में सेवा नहीं कर सके लेकिन वह एक शिव सैनिक है।