देश भर माता की अराधना का पर्व नवरात्रि आस्था और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। आज नवरात्रि के दूसरे दिन भी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। नवरात्रि के अवसर पर हम आपके लिए लाए हैं, मध्यप्रदेश के खंडवा में स्थित प्राचीन भवानी माता मंदिर की कहानी। इसे तुलजा भवानी माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। रामायण और महाभारत कालीन इस मंदिर में मां भवानी की स्वयंभू मूर्ति विराजित है। भगवान राम और अर्जुन का भी इस मंदिर से सीधा संबंध हैं। साथ ही मराठा नायक छत्रपति शिवाजी को मां भवानी ने शमशीर भी यहीं प्रदान की थी। आईए, जानते हैं मां तुलजा भवानी के मंदिर के बारे में…। नवरात्र पर्व के चलते मां तुलजा भवानी मंदिर में सुबह 5 बजे से ही भक्तों की भीड़ लगना शुरू हो रही है, जो देर रात तक लगी रहती है। नवरात्र पर्व में होने वाले आयोजनों को लेकर माता के भक्त और समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन गुरुवार से माता के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। रोजाना सुबह 5 बजे से भक्त माता के दरबार में पहुंचकर पूजा अर्चना कर रहे हैं। मां तुलजा भवानी का हर दिन अभिषेक और विशेष श्रृंगार किया जा रहा है। सुबह की आरती के बाद रात्रि 8 बजे मंदिर में महाआरती की जा रही है।
रामायण-महाभारत युग का तुलजा भवानी मंदिर, श्रीराम-कुष्ण से संबंध, शिवाजी को माता ने यहीं दी थी शमशीर
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