राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने गुरुवार को राममंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है। छत्रपति संभाजीनगर में उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण 30 साल की तपस्या और समर्पण का परिणाम है। वे यहां दत्ताजी भाले स्मृति समिति कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का इंतजार 500 सालों से हो रहा था। जो अब जाकर पूरा हुआ। उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि पूरा देश राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अभिभूत है। भागवत ने कहा, लोगों ने राम मंदिर निर्माण के लिए धन दिया। यह 30 साल के संघर्ष के बाद संभव हो पाया। हम 500 सालों से राम जन्मभूमि पर मंदिर चाहते थे। लोग चंदा देने को तैयार थे। पूरा देश मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के समय अभिभूत था। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दुनियाभर में भारत का कद बढ़ा है। देश की धरोहर और संस्कृति की स्वीकार्यता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में अच्छे बदलाव लाने का समय आ गया है। भागवत ने कहा, देश की प्रगति और विकास में बहुत परिश्रम लगा है। निस्वार्थ लोग परिणाम के बारे में सोचे बिना परिश्रम करते हैं। वे परिणाम चाहते हैं, भले ही वो उनके जीवनकाल में प्राप्त न हो।
‘राम मंदिर का निर्माण तीन दशक की तपस्या का परिणाम’, भागवत बोले- 500 सालों से हो रहा था इंतजार
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