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रीडेवलपमेंट प्रॉजेक्ट को मिलेगी गति, ऑटो अनेक्चर को अनुमति

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मुंबई, झोपडपट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण (एसआरए) के रीडेवलपमेंट प्रॉजेक्ट की रफ्तार जल्द ही बढ़ने वाली है। प्रॉजेक्ट के दौरान स्थानीय नागरिकों की पात्रता तय करने के सबसे कठिन काम को सरल बनाने का खाका गृह निर्माण विभाग ने तैयार कर लिया। नागरिकों की पात्रता तय करने के लिए सरकार ने ऑटो अननेक्चर 2 तकनीक को विकसित करने का निर्णय लिया। तकनीक की मदद से पात्रता तय करने के काम को केवल दो महीने के भीतर पूरा करना संभव होगा। अभी रीडेवलपमेंट प्रॉजेक्ट के दौरान पात्र और अपात्र नागरिकों की पहचान करने में ही कई महीनों का समय लग जाता है। अब नागरिकों को अपनी पात्रता सिद्ध करने के लिए दस्तावेज के साथ बार-बार एसआरए कार्यालय में चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

एक एजेंसी के हाथ में होगा अधिकार
झोपड़पट्टी वासियों की पात्रता संबंधी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एसआरए ने खुद नागरिकों की पात्रता तय करने का जिम्मा लिया है। इसके संबंध में एसआरए ने गृहनिर्माण विभाग को प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई है। अब तक जिस विभाग की जमीन पर झोपड़पट्टी होती है, वह विभाग नागरिकों की पात्रता तय करने का काम करता है। जैसे अगर बीएमसी की जमीन पर झोपड़पट्टी है और उस स्थान का पुनर्विकास का जिम्मा अगर एसआरए को दिया जाता है, तो बीएमसी झोपड़पट्टी वासियों का रिकॉर्ड तैयार कर एसआरए को सौंपती है।

इसी तरह म्हाडा और एमएमआरडीए भी अपनी जमीन पर बसे परिवारों की पात्रता तय करने का काम करती है। एसआरए के सीईओ सतीश लोखंडे के मुताबिक, पात्रता तय करने के काम में विभिन्न एजेंसियों के शामिल होने से काम में कई दिक्कतें आती हैं। एक एजेंसी के माध्यम से काम तेजी और आसानी से कर पाना संभव होगा। इसका सीधा लाभ प्रॉजेक्ट को मिलेगा।

पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी
पूरी प्रक्रिया को तकनीक की मदद से आसान बनाने के लिए ऑटो अनेक्सचर-2 तैयार किया जा रहा है। इसके तहत नागरिकों की पात्रता संबंधित सभी दस्तावेज सिस्टम में अपलोड कर दिए जाएंगे। सिस्टम को विभिन्न विभागों से लिंक किया जाएगा। यह खुद दस्तावेजों की प्रामाणिकता तय करने का काम करेगा। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हर वक्त डेटा के रूप में उपलब्ध होगी।

अब ऐसे होगा काम
सतीश लोखंडे के मुताबिक, पूरी प्रक्रिया को निष्पक्ष तरीके से अंजाम देने के लिए कुछ एजेंसियों की मदद ली जाएगी। जैसे पात्रता तय करते वक्त अडानी, टाटा इलेक्ट्रिसिटी और बेस्ट से स्थानीय ग्राहकों का डेटा मांगा जाएगा। साथ ही आधार कार्ड और इलेक्शन कमीशन के रिकॉर्ड की सहायता भी लोगों की पात्रता तय करने के लिए ली जाएगी। बता दें कि पात्रता तय होने के बाद ही परिवार को एसआरए की इमारत में घर अलॉट होता है। ऐसे में यह काम काफी चुनौती पूर्ण होता है। इस काम में कई बार धांधली भी होती है। ऐसे में गड़बड़ी की संभावना कम रहेगी।

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