केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को बजट 2023 पेश करने जा रही है। इस बार के बजट में वित्त मंत्री रेलवे के बुनियादी ढांचे विकास के साथ यात्री सुविधाएं को लेकर कई बड़ी घोषणाएं कर सकती हैं। जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार रेलवे बजट को 20-25 फीसदी बढ़ाने पर विचार कर रही है, इससे पूरे रेलवे सिस्टम के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है। सरकार का साल 2023 में कुछ प्रमुख रेलवे प्रोजेट्स समय से पूरा करने का जोर रहेगा। इस बार बजट में रेलवे के लिए 1.8 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया जा सकता है, साल 2022 में रेलवे को 1.4 लाख करोड़ का बजट मिला था। वित्त मंत्री मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी पूर्णकालिक बजट में बुनियादी ढांचे में सुधार और विकास के लिए नए प्रोजेक्ट की घोषणा कर सकती हैं। सरकार यात्री सुविधाओं को बढ़ाने को लेकर भी कई योजनाएं ला सकती है। इसके अलावा मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ घोषणा हो सकती है। इसके अलावा रेलवे की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सरकार किराया में बदलाव कर सकती है। अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ घोषणा की जा सकती है। भारतीय रेलवे की विजन 2024 की परियोजनाओं के तहत नए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और हाई स्पीड पैसेंजर कॉरिडोर को चालू करने के अलावा भीड़भाड़ वाले मार्गों के मल्टी ट्रैकिंग और सिग्नलिंग अपग्रेडेशन का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही नया रेलवे ट्रैक भारतीय रेलवे के नए विजन डॉक्यूमेंट का हिस्सा होगा। इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। इस बजट में अगले वित्त वर्ष में करीब 4,000 किलोमीटर लंबी लाइन बिछाने का टारगेट तय किया जा सकता है। नए ट्रैक ब्रिज को भी दोगुना यानी 50,000 करोड़ रुपये किया जा सकता है। अभी की कीमत के मुताबिक, सामान्य 1,00,000 किलोमीटर लाइन बिछाने पर करीब 15-20 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा। आगामी रेल बजट में 7,000 किलो मीटर ब्रॉड गेज लाइन को इलेक्ट्रिफाई करने का भी ऐलान हो सकता है। इसके लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन हो सकता है। 7,000 किलोमीटर लंबी ब्रॉड गेज लाइन के इलेक्ट्रिफिकेशन से रेलवे के पूरे नेटवर्क को इलेक्ट्रिफाई करने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
साल 2023 में कुछ प्रमुख रेलवे प्रोजेट्स जिन पर रेलवे का जोर
चिनाब नदी रेलवे ब्रिज- चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्क रेलवे पुल बनाया जा रहा है। चिनाब नदी रेलवे ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का एक हिस्सा है। 9.2 करोड़ डॉलर के बजट वाली 1.3 किलोमीटर लंबी यह परियोजना कश्मीर घाटी को शेष भारत से रेल नेटवर्क के माध्यम से जोड़ेगी। चिनाब रिवर रेलवे ब्रिज एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर (इंडिया), वीएसएल इंडिया और दक्षिण कोरिया की अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग कंपनी का संयुक्त उपक्रम है। यह रेल के माध्यम से कश्मीर पहुंचने की तरफ एक और कदम है। रैपिड ट्रेन का परिचालन- दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है। इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है। इसका पहला खंड साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है। इस खंड पर रैपिड रेल को मार्च 2023 से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है। इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है। यहां पर अब ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टॉलेशन का कार्य चल रहा है। मार्च, 2023 से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए दौड़ने लगेगी। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना- गुजरात के आठ जिलों और दादरा और नगर हवेली से गुजरने वाले समानांतर के साथ-साथ निर्माण कार्य शुरू हो गया है। वर्षों तक अधर में लटके रहने के बाद, बुलेट ट्रेन परियोजना ने हाल ही में गति पकड़ी है, जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है। अधिकारियों के अनुसार, परियोजना 2027 में पूरी हो सकती है। बइरबी-साईरंग नई लाइन रेलवे परियोजना- पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए बइरबी-साईरंग नई लाइन रेलवे परियोजना पर काम जारी है। परियोजना के पूरे हो जाने के बाद देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विशेष रूप से मिजोरम में संचार और वाणिज्य के मामले में एक नए युग की शुरुआत होगी। बैराबी-सैरांग परियोजना का लक्ष्य पूर्वोत्तर भारत में अतिरिक्त 51.38 किमी रेलवे ट्रैक बनाना है। भालुकपोंग-तवांग लाइन- भालुकपोंग-तवांग लाइन पूर्वोत्तर के महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है, जो उस क्षेत्र में सेना की व्यापक जरूरतों को पूरा करेगी, जहां चीन के साथ तनाव बढ़ा हुआ है। प्रस्तावित लाइन में कई सुरंगें होंगी और ये 10,000 फुट से अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बनाई जाएंगी।