भारतीय टीम को पिछले एक साल में कई खिलाड़ियों के चोटिल होने से काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा और रवींद्र जडेजा जैसे स्टार क्रिकेटर्स पिछले काफी समय से चोट की वजह से टीम इंडिया से बाहर हैं। ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप के दौरान इन खिलाड़ियों के न होने से टीम को काफी नुकसान हुआ। अब बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में भी नए खिलाड़ियों को मौका देना टीम इंडिया को भारी पड़ा। भारतीय टीम बांग्लादेश से वनडे सीरीज हार गई। तीसरा वनडे शनिवार को खेला जाना है। हालांकि, तीसरे वनडे से पहले भी टीम इंडिया चोट से जूझ रही है। सीरीज से पहले मोहम्मद शमी चोटिल हो गए। वहीं, कप्तान रोहित शर्मा समेत तीन खिलाड़ी भी चोट की वजह से तीसरे वनडे से बाहर हो गए हैं। रोहित के अलावा दीपक चाहर और कुलदीप सेन भी अनफिट होने के कारण तीसरा वनडे नहीं खेलेंगे। दूसरे वनडे में हार के बाद कप्तान रोहित ने नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे और कहा था कि हमें इस बात का पता लगाना होगा कि क्यों आधे फिट खिलाड़ी देश के लिए खेल रहे हैं। अब इस बयान पर बवाल मचा हुआ है। पूर्व क्रिकेटर मदनलाल ने रोहित के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वह रोहित के बयान से पूरी तरह सहमत हैं। मदनलाल ने कहा कि अगर कप्तान इस तरह की कड़ी टिप्पणी कर रहा है, तो यह एक तरह से फिटनेस की खराब स्थिति को दर्शाता है। मदनलाल ने एनसीए को निशाना बनाते हुए कहा कि जहां खिलाड़ी टीम में वापसी करने से पहले रिहैबिलिटेशन से गुजरते हैं और अब इसके प्रशिक्षक ही बीसीसीआई से हल निकालने का आग्रह कर रहे हैं। मदनलाल ने कहा- यह दुख की बात है। अगर कप्तान ही ऐसा कह रहा है तो कहीं न कहीं कुछ गलत है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या ट्रेनर इसके लिए जिम्मेदार हैं? अनफिट खिलाड़ी क्यों जा रहे हैं? आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं और परिणाम सामने है। यदि खिलाड़ी आराम करना चाहते हैं तो वे आईपीएल मैचों के दौरान आराम कर सकते हैं। आपका देश पहले आता है। यदि आप आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीतने जा रहे हैं, तो आपके देश का क्रिकेट नीचे जा रहा है। चोट के अलावा मदनलाल को लगता है कि भारतीय टीम पिछले पांच वर्षों में अच्छे प्रदर्शन के बाद फिलहाल एक बेहद खराब दौर से गुजर रही है। पूर्व ऑलराउंडर का मानना है कि मौजूदा भारतीय टीम में प्रेरणा की कमी है। जो लगातार क्रिकेट खेलने के कारण हो सकता है। उन्होंने कहा- निश्चित रूप से भारतीय टीम सही दिशा में नहीं जा रही है। मैंने पिछले कुछ वर्षों में उनमें ‘जोश’ नहीं देखा है। वे भारतीय टीम की तरह नहीं दिख रहे हैं।देश के लिए खेलने का जुनून गायब है। या तो उनका शरीर बहुत थक गया है या वे सिर्फ खेलते जा रहे हैं और यह एक गंभीर चिंता विषय है। भारतीय टीम में फिटनेस की समस्या इस साल पहले से ज्यादा रही है। इस वजह से टीम अपनी बेस्ट प्लेइंग-11 के साथ किसी मैच में नहीं उतर सकी है। इससे टीम के प्रदर्शन पर भी असर पड़ा है। एशिया कप में टीम सुपर-फोर में हारकर बाहर हो गई। टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ भारत को 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज हार गई। वहीं, भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज भी गंवा दिया। अगले साल अपने ही घर में भारत को वनडे वर्ल्ड कप खेलना है, ऐसे में टीम की तैयारियों को झटका लगा है। इन सबको सोचते हुए रोहित का गुस्सा फूट पड़ा।
क्या है पूरा मामाल?
बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे मैच के बाद पूर्व क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा के साथ बातचीत में रोहित ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में फिटनेस टेस्ट पास करने के बाद खिलाड़ियों के चोटिल होने के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने कहा- मेरा मतलब है कि निश्चित रूप से कुछ चोट की चिंता का विषय हैं। हमें इसकी तह तक जाने की जरूरत है। मुझे नहीं पता कि यह वास्तव में यह क्या हो रहा है। हो सकता है कि वे बहुत अधिक क्रिकेट खेल रहे हों। हमें कोशिश करने और सभी खिलाड़ियों पर नजर रखने की जरूरत है। रोहित ने कहा- यह समझना महत्वपूर्ण है कि जब वे भारत के लिए खेलने आते हैं तो उन्हें 100 प्रतिशत या इससे भी अधिक फिट होने की आवश्यकता होती है। यह कुछ ऐसा है जिसे हमें देखना होगा और इस पर विचार करना होगा। हमें एनसीए के साथ बैठना होगा और खिलाड़ियों के वर्कलोड की निगरानी करनी होगी। हम यहां आधे फिट या यूं कहें अनफिट खिलाड़ियों का खेलना बर्दाश्त नहीं कर सकते। देश का प्रतिनिधित्व करना गर्व और सम्मान की बात है और अगर वे पर्याप्त रूप से फिट नहीं हैं तो वह खेलने के लिए आदर्श नहीं हैं।