कंगना रणौत ने साल 2020 में जावेद अख्तर पर इंटरव्यू के दौरान यह आरोप लगाया था कि गीतकार ने उनको धमकी दी है। लेकिन उस दौरान उन्होंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मामले को इग्नोर किया। लेकिन जब कंगना रणौत ने सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद एकबार फिर इस बात को उठाया तो जावेद अख्तर ने कंगना के बयानों को देखते हुए कोर्ट तक पहुंच गए। इस मामले पर अब बीते 3 मई को सुनवाई हुई, जिसमें जावेद अख्तर ने कहा है कि यह आरोप उनके लिए बेहद अपमानजनक रहा है। जावेद अख्तर ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना पक्ष रखा इस दावे को झूठा बताया। उन्होंने कहा, मैं लखनऊ से हूं और वहां किसी को तू करके नहीं बल्कि आप करके बुलाया जाता है। कोई मुझसे 30-40 साल छोटा ही क्यों ना हो, मैं उसे भी आप कहकर ही संबोधित करता हूं. मैंने कभी अपने वकील से तक तू करके बात नहीं की। मैं हैरान हूं, जितने भी आरोप मुझ पर लगाए गए हैं, उन्हें लेकर शॉक्ड हूं।’
जावेद अख्तर ने आगे कहा कि ‘फरवरी 2020 में कंगना ने मुझपर एक इंटरव्यू के दौरान आरोप लगाए थे, इसके कुछ महीने बाद सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली। कंगना का एक इंटरव्यू चर्चा में आ गया, हालांकि मैंने उस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन जब उन्होंने मुझ पर सुसाइड करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया तब मुझे अपमानित महसूस हुआ।’ जावेद अख्तर ने कहा, इतना ही नहीं उन्होंने यह तक कहा कि मैं किसी सुसाइड ग्रुप का हिस्सा हूं और इसी तरह लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाता हूं, लेकिन यह सच बिल्कुल भी नहीं है। जावेद अख्तर को इस केस में सुनवाई के लिए अगली डेट 12 जून दी गई है। इस दिन कंगना के वकील उनसे क्रॉस क्वेश्चन करेंगे। जावेद और कंगना का यह विवाद साल 2020 से चल रहा है। जावेद अख्तर ने साल 2020 में कंगना के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी। इसमें उन्होंने बताया था कि वो केवल ऋतिक रोशन और कंगना के बीच सुलह कराने के लिए गए थे, वो भी डॉक्टर रमेश अग्रवाल के कहने पर।