गुजरात के तटीय इलाकों से बिपरजॉय के टकराने के बाद से अबतक कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि, शुक्रवार को एनडीआरएफ निदेशक अतुल करवाल ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि तूफान के टकराने से पहले जरूर दो लोगों की मौत हुई है। अब गुजरात में बिपरजॉय का खतरा खत्म हो गया है लेकिन राजस्थान के दक्षिणी इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। डीजी करवाल ने बताया कि गुजरात में राजकोट के अलावा कहीं और भारी बारिश नहीं हो रही है। तूफान के कारण चौबीस जानवरों की मौत हुई है। 23 लोग घायल हुए हैं। करीब एक हजार गांवों में बिजली की समस्या सामने आई है, जिनमें से 40 प्रतिशत गांव कच्छ जिले के हैं। 800 पेड़ भी गिर गए हैं। तूफान के कारण 500 कच्चे घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। जबकि छह से सात कच्चे घरों को नुकसान पहुंचा है। आईएमडी ने संभावना जताते हुए कहा कि शाम तक बिपरजॉय सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिणी राजस्थान के इलाकों में कमजोर हो जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार, मुंद्रा, मांडवी, नलिया और जखाऊ में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। पुलिस जिले के हर इलाकों में तैनात है। भुज एसपी ने लोगों से अपील की है कि जब तक तूफान शांत नहीं हो जाता, तब तक घर से बाहर न निकलें। एनडीआरएफ महानिदेशक ने पश्चिमी राजस्थान में भारी बारिश की संभावना जताई है। गुजरात में 18 टीमें वहां काम कर रही है। हम लगातार राजस्थान के संपर्क में हैं। बाढ़ की आशंका के कारण हमने पहले ही जालौर में एक टीम भेज दी है। एनडीआरएफ की टीमें राजस्थान और गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में भी तैनात है। इनमें चार टीमें कर्नाटक, पांच टीमें महाराष्ट्र और एक टीम दीव में तैनात है। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए बाड़मेर और जालौर में रेड अलर्ट जारी किया है। जालौर और जैसलमेर में आंधी-बारिश जारी है। बाड़मेर और सिरोही में तेज हवाओं की वजह से पेड़ और पोल गिर गए। विभाग ने राज्य के 13 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
लैंडफॉल से पहले दो लोगों की मौत, राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट; तूफान के कारण 500 घर क्षतिग्रस्त
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