मुंबई
आजकल सायबर जालसाजी का मामला जोरों पर चल रहा है। जालसाज नागरिकों को किसी माध्यम से पंâसाकर लूट की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे ही इंस्टेंट लोन के नाम पर जरूरतमंद लोगों को लूटनेवाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के १४ सदस्यों को मुंबई सायबर पुलिस ने गिरफ्त में लिया है। इन सभी आरोपियों को अलग-राज्यों से पकड़ा गया है। ये आरोपी ऐप से कर्ज देने के बाद उनका डाटा हैक करके लोगों का उत्पीड़न करते थे। पुलिस ने आरोपियों के ३५६ बैंक खाते सीज करते हुए उनके पास से १४ करोड़ नकदी और २.१७ लाख क्रिप्टो करेंसी जप्त किया है। यह जानकारी संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) सुहास वार्के ने दी।
डीसीपी (सायबर सेल) हेमराज सिंह राजपूत ने बताया कि २० जुलाई को इंस्टेंट लोन के नाम पर ठगी किए जाने की शिकायत बीकेसी सायबर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि १० इंस्टेंट लोन ऐप के माध्यम से ३ लाख ८५ हजार कर्ज लिया था। इसके बदले अब तक २२ लाख रुपए दे चुका था। इसके बावजूद पैसे की मांग की जा रही थी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फोन करने वालों को ट्रेस कर हिरासत में लिया। उनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि वो लोन रिकवरी के लिए कॉलर के तौर पर नौकरी करते हैं। उनके माध्यम से ही असली आरोपियों का सुराग हाथ लगा।
जानकारी मिलने के बाद सायबर सेल ने अलग-अलग टीम बनाकर बंगलुरु, आंध्र प्रदेश, गुरुग्राम, मुंबई और उत्तराखंड से १४ लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन एप्लीकेशन पर तत्काल ऋण के लिए आवेदन करते समय आवेदकों का सारा व्यक्तिगत डाटा आरोपी व्यक्तियों की कंपनी में चला जाता था। इस डाटा का उपयोग वे ऋण चुकाने में विफल रहनेवाले लोगों के उत्पीड़न के लिए करते थे। आरोपी अश्लील तस्वीरें बनाकर कर्ज नहीं चुकाने वाले अथवा ब्याज का भुगतान नहीं करनेवाले लोगों को परेशान करते थे। आरोपियों के पास से २११ सिम कार्ड, ३९ मोबाइल, १९ लैपटॉप, २ हार्ड डिस्क जप्त किया गया है।
लोन के नाम पर लूट! ऐप से हैक करते थे डाटा
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