बीते कुछ वर्षों में लोन की वसूली के लिए रिकवरी एजेंट्स के लोगों को परेशान करने की खबरें आम हो गईं हैं। रिकवरी एजेंट्स पैसों की वसूली के लिए ग्राहकों से ना केवल अभद्र भाषा का प्रयोग करने करते हैं बल्कि कई बार तो ग्राहकों से गाली-गलौज कर उन्हें मानसिक रूप से भी प्रताड़ित करते हैं। आरबीआई ने इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि लोन रिकवरी एजेंट लोगों के साथ पैसे की वसूली के दौरान गलत व्यवहार करते हैं, यह कतई स्वीकार्य नहीं है। आरबीआई ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि रिकवरी एजेंट्स की करतूतों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रेगुलेटर को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे या उनके एजेंट्स कर्ज की वसूली करते समय किसी तरह की डराने या धमकाने वाली हरकत नहीं करेंगे। किसी भी कर्जदार के साथ गाली-गलौज या हाथापाई की घटना नहीं हुई चाहिए, नहीं तो सख्त कदम उठाए जाएंगे और ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके रिकवरी एजेंट्स किसी कर्जदार, उसके परिजनों या दोस्तों के साथ किसी भी तरह की बदतमीजी नहीं करेंगे। इसके साथ-साथ उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके रिकवरी एजेंट्स कर्जदार या उनके परिजनों व दोस्तों की प्राइवेसी में भी दखल नहीं दें। कर्जदारों को मोबाइल या सोशल मीडिया के जिरए डाराने-धमकाने वाले मैसेज करने और इस तरह के कॉल करने पर वित्तीय संस्थाओं और उनके रिकवरी एजेंट्स के खिलफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरबीआई ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि रिकवरी एजेंट्स बार-बार फोन भी नहीं कर सकते हैं। लोन की रिकवरी के लिए कर्जदारोंं को सुबह आठ बजे के पहले और शाम को सात बजे के बाद किसी भी हालत में फोन नहीं किया जाना चाहिए। आरबीआई ने कहा है कि अगर किसी भी रगुलेटेड इंटिटी ने इसका उल्लंघन किया तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जून महीने में एक सम्मेलन के दौरान कहा था कि कर्जदारों को लोन रिकवरी एजेंट किसी भी समय फोन कर देते हैं और उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं। यह कतई स्वीकार्य नहीं है। सेंट्रल बैंक इसे गंभीरता से ले रहा है और इस समस्या से सख्ती से निपटने में नहीं हिचकेगा।
रिकवरी एजेंट्स बदतमीजी करे तो आपको क्या करना चाहिए?
आरबीआई की ओर से लोन की रिकवरी के लिए स्पष्ट निर्देश हैं। बैंक के अनुसार इन निर्देशों का उल्लंघन करना कतई स्वीकार्य नहीं है। अगर कोई लोक रिकवरी एजेंट आपको परेशान करता है या मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है तो आपको इसकी शिकायत पहले बैंक में करनी चाहिए। आप बैंक को अपनी परिस्थिति से अवगत कराते हुए लोन के भुगतान की शर्तों में बदलाव कर सकते हैं। अगर 30 दिनों के भीतर बैंक ने आपकी शिकायत का निपटारा नहीं किया तो आप बैंकिंग ओंबड्समैन से इसकी शिकायत कर सकते हैं। इसके साथ ही आप केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भी इसकी शिकायत कर सकते हैं। रिजर्व बैंक उस बैंक को ऑर्डर जारी कर फटकार लगा सकता है। कुछ खास मामलों में आरबीआई बैंकों पर जुर्माना भी लगा सकता है। रिकवरी करने वाले एजेंट्स कोई गैर-कानूनी एक्शन लेता है या कर्जदार के साथ हाथापाई करता है या कोई चीज उठा ले जाता है तो इसकी शिकायत पुलिस में भी की जा सकती है। इसके अलावे पीड़ित कर्जदार इंसाफ के लिए लोक अदालत और कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकता है।