उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के बाहर विस्फोटकों से लदी एसयूवी की बरामदगी मामले में मंगलवार को पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे की ओर से मुंबई की एक अदालत में जमानत याचिका दायर की गई। जिसमें कहा, उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को धमकी देना सबसे मूर्खतापूर्ण है। वह भारत के सबसे कड़ी सुरक्षा वाला निजी परिवारों में से एक हैं और किसी भी हालत में वह ऐसा नहीं कर सकते है। वाजे वर्तमान में जेल में बंद है और फरवरी 2021 में अंबानी के घर एंटीलिया के पास से विस्फोटक से लदी एसयूवी की बरामदगी और उसके बाद ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है। उन्होंने एक विशेष एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) अदालत के समक्ष जमानत अर्जी दी है, जिसमें कहा गया है कि उनके खिलाफ पूरा मामला झूठ पर आधारित है। जिस पर मुकदमा चलाने के लिए किसी भी स्तर पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। अदालत ने अभियोजन पक्ष से वाजे की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 26 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी। दलील में कहा गया है कि भारत के नागरिक के रूप में वाजे अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों का भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान के लिए बहुत सम्मान करते हैं। जमानत याचिका में कहा गया कि किसी भी परिस्थिति में आवेदक इस तरह के मूर्खतापूर्ण अपराध करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था। बता दें कि, 25 फरवरी, 2021 को मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर लावारिस मिले एक वाहन में विस्फोटक बरामद किया गया था। कारोबारी हिरेन मनसुख ने दावा किया था कि विस्फोटक से लदा वाहन चोरी हो गया था। इसके बाद गत वर्ष 5 मार्च को मनसुख मुंबई के समीप ठाणे जिले में एक नाले में मृत मिला था। इस मामले ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया था। इसी मामले में आगे चलकर मुंबई व महाराष्ट्र पुलिस पर अवैध वसूली के आरोप लगे थे। मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की अवैध वसूली के आरोप लगाए थे।
वाजे ने अपनी जमानत याचिका में कहा- अंबानी परिवार को धमकाने की सोच भी नहीं सकता
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