टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत शानदार फॉर्म में चल रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में खराब बल्लेबाजी के कारण आलोचना झेलने के बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में कमाल की बल्लेबाजी की। पहली पारी में उन्होंने 146 रन की पारी खेली और दूसरी पारी में भी बेहतरीन अर्धशतक लगाया, लेकिन टीम इंडिया को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब किसी टेस्ट मैच में पंत ने शतक लगाया हो और भारत वह मैच हार गया हो। उन्होंने भारत से बाहर जब भी शतक लगाया, तब भारत मैच नहीं जीत पाया है। तीन बार ऐसा हो चुका है, जब पंत के शतक के बावजूद भारतीय टीम मैच हार गई है। ऋषभ पंत के खेलने का अंदाज बाकी खिलाड़ियों से अलग है। इसी वजह से जिस पिच में बाकी बल्लेबाजों को रन बनाने में परेशानी होती है, वहां पंत आसानी से रन बनाते हैं। इसी कारण से पंत जब भी विदेशी पिच में बड़ी पारी खेलते हैं, तब बाकी बल्लेबाज उनका साथ नहीं दे पाते और टीम इंडिया मैच नहीं जीत पाती है। ऋषभ पंत ने विदेशी जमीन पर अपना पहला शतक साल 2018 में लगाया था। उन्होंनें इंग्लैंड के खिलाफ 114 रन की पारी खेली थी। उनके साथ लोकेश राहुल ने भी शानदार बल्लेबाजी की थी और बड़ा शतक लगाया था, लेकिन इन दोनों बल्लेबाजों के अलावा कोई दूसरा खिलाड़ी बड़ी पारी नहीं खेल पाया था। दोनों के बीच बोहतरीन साझेदारी हुई थी और भारत की जीत तय दिख रही थी। तभी दोनों बल्लेबाज आउट हो गए और भारत यह मैच हार गया था। पंत का दूसरा शतक साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आया था। इस मैच में उन्होंने 159 रन की नाबाद पारी खेली थी, लेकिन भारत यह मैच भी नहीं जीत पाया था। हालांकि, पंत की नाबाद पारी ने भारत को हार से बचा लिया था, लेकिन मजबूत कंगारू टीम के खिलाफ बाकी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे और यह मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ था। ऋषभ पंत ने इसी साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी। उन्होंने नाबाद 100 रन बनाए थे, लेकिन इस मैच में भी भारत को हार का सामना करना पड़ा था। पंत के अलावा भारत का कोई भी दूसरा बल्लेबाज इस मैच में बड़ी पारी नहीं खेल पाया था। उनके अलावा सिर्फ विराट कोहली (29 रन) और लोकेश राहुल (10 रन) ही दहाई का आंकड़ा छू पाए थे। अंत में भारत यह मैच भी सात विकेट से हार गया था। इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में ऋषभ पंत ने विदेश में अपने करियर का चौथा शतक लगाया। इस बार उन्होंने दोनों पारियों में कमाल किया। पहली पारी में 146 रन बनाए और दूसरी पारी में भी बेहतरीन अर्धशतक लगाया। उनके अलावा रवींद्र जडेजा और चेतेश्वर पुजारा ने भी अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन भारत यह मैच हार गया। इस बार गेंदबाजों ने आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया और इंग्लैंड ने टेस्ट में पहली बार 378 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया।