भारत में पदस्थापित पूर्वी अफ्रीका और दक्षिण अमेरिकी देशों के राजदूतों और राजनयिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली तक का सफर ट्रेन से पूरा किया। इस यादगार सफर में उनके परिजन भी साथ रहे। खास बात यह रही कि दोनों ने यह यात्रा भारत की पहली स्वदेशी सेमी हाई स्पीड ट्रेन- वंदे भारत से की। पूर्वी अफ्रीकी देश बुरुंडी के दूतावास में तैनात कॉन्सुलर ने यात्रा का आनंद उठाने के दौरान कहा कि वाराणसी से दिल्ली तक उनका सफर काफी यादगार रहा। यात्रा करने वाले राजनयिकों में दक्षिण अमेरिकी देश सूरीनाम के राजदूत अरुणकोएमर हार्डियन भी शामिल रहे। अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा ‘वंदे भारत में यात्रा का पहली बार मौका मिला है। जब से मैं भारत आया हूं, मेरा सपना था कि मैं भारत में चलने वाली किसी ट्रेन से यात्रा करूं। यह अब तक एक यादगार अनुभव रहा है।’ उनके अलावा पूर्वी अफ्रीकी देश बुरुंडी के कॉन्सुलर ने भी यात्रा को यादगार बताया। अरुणकोएबर ने आगे बताया कि भारत की रेलवे प्रणाली सबसे बड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वंदे भारत की शुरुआत की गई है और यह एक सफलता की कहानी है, अनुभव अच्छा है, भले ही आप इसकी तुलना अमेरिकी प्रणाली से करें, यह लगभग उसी स्तर पर है। भारत को इस पर बहुत गर्व हो सकता है।
बुरुंडी दूतावास के कांसुलर ने भी साझा कियए अनुभव
इसके अलावा पूर्वी अफ्रीका के बुरुंडी दूतावास से कांसुलर चार्ल्स रवांगा ने भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में सफर किया और अपनी यात्रा के बारे में बताया। वीडियो में आप देख सकते हैं कि किस तरह विदेशी पर्यटक बड़े इतमिनान से अपनी सीट पर किताब पढ़ते दिखाई दे रहे हैं। वंदे भारत की प्रशंसा करते हुए अधिकारियों ने कहा कि यह आधुनिकीकरण की एक नई पहचान बन गई है। रेलवे ने बताया कि पांच साल पहले 15 फरवरी 2019 को दिल्ली और वाराणसी के बीच दो ट्रेनों से शुरू हुईं थीं। आज देश में 102 वंदे भारत ट्रेनें हैं। 102 वंदे भारत आज 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 284 जिलों तक अपनी सेवाएं दे रही हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में वंदे भारत ट्रेनों द्वारा तय की गई दूरी पृथ्वी के 310 चक्कर लगाने के बराबर हैं। फरवरी 2019 को लॉन्च होने के बाद से अब तक दो करोड़ लोगों ने वंदे भारत में सफर किया है। वंदे भारत हवाई जहाज के बराबर सुविधाएं प्रदान करता है।