नौकरीपेशा को हमेशा डर रहता है कि उसके नहीं रहने पर परिवार का गुजर-बसर कैसे होगा और निरंतर कमाई कहां से होगी। इसी चिंता का समाधान करता है सैलरी प्रोटेक्शन इंश्योरेंस या वेतन सुरक्षा बीमा। यह एक नई सुविधा है। आजकल ज्यादातर जीवन बीमा कंपनियां इस प्लान की पेशकश कर रही हैं। इसके तहत आपके बाद भी वेतन के रूप में परिवार की निरंतर आय बनी रह सकती है। हालांकि, यह बीमा नौकरी जाने पर आपके वेतन को सुरक्षा नहीं देता बल्कि नौकरीपेशा की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर परिवार को मासिक आय की सुरक्षा मुहैया कराता है। वेतन सुरक्षा बीमा एक तरह का टर्म इंश्योरेंस है। इसमें दो तरीके से लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, यह बीमा लेते वक्त आपको दो में किसी एक विकल्प का चुनाव करना पड़ता है। पहला…आप नियमित आय चुन लें। दूसरा…एकमुश्त रकम चुनाव करें।
नियमित आय का विकल्प चुनने पर आपके बाद परिवार को एक निश्चित अवधि तक नियमित भुगतान होता रहेगा।
एकमुश्त रकम के चुनाव पर आपकी मौत के बाद परिवार को एक ही बार में पूरे पैसे मिल जाएंगे।
ऐसे काम करती है पॉलिसी, मिलेगी परसेंटेज वृद्धि
पॉलिसी खरीदते समय आपको उस मासिक आय का चुनाव करना पड़ता है, जो परिवार को देना चाहते हैं। यह आपकी मौजूदा टेक-होम सैलरी से कम या बराबर होनी चाहिए। मासिक आय में परसेंटेज वृद्धि भी मिलेगी।आप 30 साल के हैं और धूम्रपान नहीं करते हैं तो नियमित प्रीमियम भुगतान अवधि के लिए 15 साल की पॉलिसी खरीद सकते हैं। मान लीजिए, कंपनी आपको 6 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि देने का फैसला लेती है। ऐसे में हर पॉलिसी वर्ष में मासिक रकम पिछले साल की मासिक आय का 106 फीसदी हो जाएगी। पॉलिसी खरीदते समय आपने 50,000 रुपये की मासिक आय का विकल्प चुना। पॉलिसी के दूसरे वर्ष यह बढ़कर 53,000 रुपये और तीसरे साल 56,180 रुपये हो जाएगी। पॉलिसी के 5वें साल के शुरू में पॉलिसीधारक की मृत्यु पर नॉमिनी को 7.57 लाख का एश्योर्ड डेथ बेनेफिट और 63,123.84 रुपये की बढ़ी हुई मासिक आय मिलेगी। यह एक टर्म प्लान है, जो पॉलिसीधारक की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु पर ही परिवार के सदस्यों को वेतन सुरक्षा देता है। ऐसी पॉलिसी चुनते समय सतर्क रहें क्योंकि कंपनियां इसके नाम पर अन्य प्रकार की जीवन बीमा पॉलिसी बेच सकती हैं।