फ्रांस ने कहा है कि भारत में आयोजित हो रहा जी20 शिखर सम्मेलन वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए एक संयुक्त प्रतिक्रिया की दिशा में तरक्की करने का मौका है। फ्रांस ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां के शिखर सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि की। बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति मैक्रां 9-10 सितंबर तक दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे और उसके बाद बांग्लादेश के द्विपक्षीय दौरे पर जाएंगे।
फ्रांस ने कहा- जी20 सम्मेलन अहम
फ्रांस ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति मैक्रां को हर महाद्वीप के समकक्षों से बात करने का मौका मिलेगा, ताकि दुनिया के विखंडन के खतरों से मुकाबला किया जा सके। वैश्विक चुनौतियों से मिलकर निपटने का यह एक अच्छा मौका होगा। वैश्विक चुनौतियों से मुकाबले के लिए बहुपक्षीय सहयोग, शांति और स्थायित्व, गरीबी घटाने और पर्यावरण, खाद्य सुरक्षा को बेहतर करने की जरूरत है। बता दें कि जी20 का शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाला है। इस सम्मेलन के लिए दुनिया के बड़े-बड़े नेता भारत आ रहे हैं। जी20 संगठन वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए कितना अहम है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया की कुल जीडीपी में 85 फीसदी जीडीपी जी20 देशों की है। वहीं वैश्विक व्यापार में जी20 देशों का हिस्सा 75 प्रतिशत है और दुनिया की कुल जनसंख्या में से दो तिहाई जनसंख्या जी20 देशों में रहती है।
फ्रांस ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति मैक्रां को हर महाद्वीप के समकक्षों से बात करने का मौका मिलेगा, ताकि दुनिया के विखंडन के खतरों से मुकाबला किया जा सके। वैश्विक चुनौतियों से मिलकर निपटने का यह एक अच्छा मौका होगा। वैश्विक चुनौतियों से मुकाबले के लिए बहुपक्षीय सहयोग, शांति और स्थायित्व, गरीबी घटाने और पर्यावरण, खाद्य सुरक्षा को बेहतर करने की जरूरत है। बता दें कि जी20 का शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाला है। इस सम्मेलन के लिए दुनिया के बड़े-बड़े नेता भारत आ रहे हैं। जी20 संगठन वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए कितना अहम है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया की कुल जीडीपी में 85 फीसदी जीडीपी जी20 देशों की है। वहीं वैश्विक व्यापार में जी20 देशों का हिस्सा 75 प्रतिशत है और दुनिया की कुल जनसंख्या में से दो तिहाई जनसंख्या जी20 देशों में रहती है।