जोशीमठ में प्राकृतिक विपदा का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। जोशीमठ के निवासी डरे हुए हैं और घर छोड़ने को मजबूर हैं। ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने भूवैज्ञानिकों से अनुरोध किया है कि जोशीमठ में जल्द से जल्द भू-धंसाव का कारण पता लगाएं। वहीं ज्योतिर्मठ प्रभारी को निर्देश दिया है कि पीड़ित परिवार को भोजन उपलब्ध हो और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उनके कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक शंकराचार्य महाराज ने अपने सभी संचार कार्यक्रम को स्थगित करते हुए वे सड़क मार्ग से सीधे ज्योतिर्मठ पहुंचे। वहीं उन्होंने वर्तमान स्थिति से अवगत होते हुए जोशीमठ के घरों का निरीक्षण किया और लोगों की समस्याएं सुनीं। वहीं, शंकराचार्य जी ने अपने माध्यम से सरकार को जनता के लिए समुचित व्यवस्था करके लाभ पहुंचाने की अपील की। शंकराचार्य जी पहले ही कह चुके हैं कि जोशीमठ में जल्द से जल्द भू-धसाव का कारण पता लगाया जाए। उन्हीं के कहने पर ज्योतिर्मठ प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानन्द के सहयोग से भू वैज्ञानिकों का दल जोशीमठ पहुंचा है, जिसमें प्रोफेसर डॉ. केएस राव की नेतृत्व में गठित टीम जोशीमठ पहुंच कर सभी पहलुओं से जांच कर रही हैं। यहां मुख्य रूप से जोशीमठ के पहाड़, सभी प्रभावित मकानों, एनटीपीसी हाइड्रिल पावर प्रोजेक्ट, हेलंग मारवाड़ी बाईपास की विशेष जांच की जा रही है। इस टीम में डॉ. तरूण सिंह और अंकित सिंह भी शामिल हैं। ब्रह्मचारी मुकुंदानन्द ने इस जांच के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया यह रिपोर्ट दो दिन में बनकर तैयार हो जाएगी, जिसे पत्रकार वार्ता कर रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा।
शंकराचार्य के निर्देश पर पहुंची भूवैज्ञानिकों की टीम, 2 दिन में बताएगी क्यों धंस रहा जोशीमठ
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