निर्माता, निर्देशक बी आर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में शकुनि मामा का किरदार निभाने वाले अभिनेता गूफी पेंटल अब हमारे बीच नहीं रहे। गुफी पेंटल लंबे समय से बीमार चल चल रहे थे। सोमवार सुबह 5 बजे हृदय गति रुकने से उनका उनका निधन हो गया। गुफी पेंटल ने न सिर्फ महाभारत में शकुनि मामा जैसे किरदार को जीवंत किया किया बल्कि इस धारावाहिक के कलाकारों के चयन प्रक्रिया में उनकी काफी अहम भूमिका रही है। उनकी मौत से इंडस्ट्री में शोक की लहर है। ‘महाभारत’ में द्रोणाचार्य की भूमिका निभाने वाले अभिनेता सुरेंद्र पाल दुखी मन से कहते हैं, ‘महाभारत’ के एक अध्याय का आज अंत हो गया।’ अभिनेता सुरेंद्र पाल ने ‘अमर उजाला’ से खास बीच के दौरान बताया, ‘धारावाहिक ‘महाभारत’ में सभी कलाकारों को लाने वाले तो गुफी पेंटल ही थे। वह बहुत ही साधारण और मिलनसार व्यक्ति थे। जैसा किरदार उनका महाभारत में था, असल जिंदगी में उसके एकदम ही विपरीत थे। वह बहुत ही प्यारे इंसान थे, मेरे साथ तो उनका बहुत ही ज्यादा लगाव था। हर जगह हम साथ में ही आते जाते थे। कभी पारिवारिक समस्या होती थी तो मुझसे शेयर करते थे। वह एक महान कलाकार तो थे ही, इससे बड़े वो अच्छे इंसान थे। सभी के साथ प्रेम से रहते थे।’
धारावाहिक ‘महाभारत’ पर गुफी पेंटल नाटक भी करते थे। सुरेंद्र पाल कहते हैं, ‘अभी पिछले साल ही हमने एक साथ ‘महाभारत’ पर एक नाटक किया था। जब भी इस नाटक को किसी दूसरे शहर में करने जाते थे तो उनका ज्यादातर वक्त मेरे साथ ही बीतता था। आज वह हमारे बीच नहीं रहे, उनके साथ बिताए एक -एक पल याद आ रहे हैं। मेरा मन बहुत दुखी है। अभी पिछले साल फरवरी में प्रवीण कुमार (भीम) चले गए और अब गुफी पेंटल। गुफी पेंटल के जाने से महाभारत के एक अध्याय का अंत हो गया है।’ गुफी पेंटल कुछ दिनों से कोमा में थे। सुरेंद्र पाल कहते हैं, ‘बीती रात उसने मिलने हॉस्पिटल में गया था। आईसीयू में उनके पास रात 10.30 बजे तक बैठा रहा। उस समय वह सो रहे थे और उनके हाथ पैर में हरकत हो रही थी। उनके बेटे हैरी ने उनको एक दो बार उठाने की कोशिश की लेकिन मैंने ही मना कर दिया कि वह सो रहे हैं तो उनको सोने दो। पहले वह कई दिनों से कोमा में थे और ऑक्सीजन चढाई जा रही थी। यह चमत्कार ही था कि कोमा से वापस आ गए थे। वह बहुत ही मजबूत दिल के आदमी थे एक बार जो ठान लेते थे,उसे पूरा करके ही छोड़ते थे।’