अजित पवार के हमलों के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने उन पर पलटवार किया। मुंबई में अपने गुट के नेताओं की बैठक में शरद पवार ने कहा कि अगर अजित पवार को कोई समस्या थी तो उन्हें मुझसे बात करनी चाहिए थी। अगर उनके मन में कुछ था तो वह मुझसे संपर्क कर सकते थे। अजित पवार गुट ने किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। अजित ने आज जो कुछ भी कहा उसे सुनकर दुख हुआ। आपने गलत किया है तो सजा के लिए तैयार रहिए। अजित गुट के लिए शरद पवार ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने कष्ट झेला है, उसके बाद उनके अच्छे दिन आए हैं। जिस विचारधारा का आपने विरोध किया, उनके साथ जाना योग्य नहीं है। हमारा चुनाव चिह्न न कहीं जाएगा, न हम उसे कहीं जाने देंगे। उनकी बैठक में आपने देखा होगा कि पीछे मेरी तस्वीर लगी थी। उन्हें पता है कि मेरे बिना उनका सिक्का न तो चलेगा, न खनकेगा। जो लोग और पार्टी कार्यकर्ता हमें सत्ता में लाए, वे हमारे साथ हैं। मैं सत्ता में जरूर नहीं हूं, लेकिन मैं अपने लोगों और राज्य की जनता के बीच हूं। शरद पवार ने कहा कि राजनीति में आज संवाद खत्म हो गया है। राजनीति में अगर कुछ गलत हो रहा है तो नेताओं को वह बात सुननी चाहिए। संवाद रखना होता है। संवाद न हो तो देश में अस्वस्थता आती है। कुछ अनुचित हो रहा है तो उसे दुरुस्त करना होता है। संकट बड़ा है, हमें बहुत आगे जाना है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि राकांपा ने 70 हजार करोड़ का घोटाला किया। यह आरोप बेबुनियाद है। एक तरफ आप हमारी पार्टी के नेताओं पर आरोप लगाते हैं, फिर दो दिन पहले आपने हमारी ही पार्टी के नेताओं को महाराष्ट्र की सरकार में मंत्री क्यों बनाया? उन्होंने कहा कि देव कहते थे, पांडुरंग कहते थे, विट्ठल कहते थे, फिर दूसरी तरफ जाते थे, यह सही नहीं है। जिन विधायकों ने अलग होने का फैसला किया, उन्होंने हमें विश्वास में नहीं लिया। कुछ लोग यह कहकर गए कि देखकर आते हैं। फिर जाकर शपथ ही ले ली। भारी लोग हैं। इसलिए कोई अगर कहे कि देखकर आते हैं तो सतर्क रहना। छगन भुजबल ने कहा कि देखकर आता हूं और जाकर शपथ ही ले ली।
‘जो भाजपा के साथ गए, भविष्य में वे खत्म हो गए’
शरद पवार ने कहा कि मोदी ने कहा था कि देश कैसे चलाएं, ये पवार से सीखा। मोदी ने बारामती में आकर मेरी तारीफ की थी। चुनाव आए तो मुझे प्रचंड अपशब्द कहे। जो भाजपा के साथ गए, भविष्य में वे खत्म हो गए। अजित पवार कहते थे कि इतिहास में ऐसा (शिंदे जैसा) मुख्यमंत्री नहीं देखा, आज उनके साथ सत्ता में जाकर बैठ गए। जब हम कांग्रेस में थे तो हमने नई पार्टी बनाने का फैसला लिया। हमने कांग्रेस भवन छोड़ दिया क्योंकि वह कांग्रेस की संपत्ति थी। हमें उसे हड़पने की जरूरत नहीं थी, जबकि वह हमारे हाथ में था।
शरद पवार का अजित पर निशाना- जानते हैं मेरे बिना उनका सिक्का नहीं चलेगा, इसलिए मेरी तस्वीर लगाई
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