कर्नाटक चुनाव में भाजपा को मिली शिकस्त के बाद विपक्ष की नजर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर हैं। इसको लेकर महागठबंधन से लेकर तरह-तरह की रणनीति अपनाई जा रही हैं। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में देश में भाजपा विरोधी लहर है और जनता कर्नाटक विधानसभा चुनावों के परिणामों को देखते हुए बदलाव चाहती है। शरद पवार ने मीडिया से कहा कि अगर लोगों की यही मानसिकता रही तो देश आगामी चुनावों में बदलाव देखेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र में छोटी-छोटी घटनाओं को धार्मिक रंग दिया जा रहा है, जो अच्छा संकेत नहीं है। भारतीय जनता पार्टी को कर्नाटक में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा, यहां कांग्रेस पांच साल के अंतराल के बाद सत्ता में वापस आई। देश में लोकसभा चुनाव 2024 में होने हैं और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भी अगले साल के अंत में होने वाले हैं। शरद पवार ने कहा कि परिदृश्य को देखते हुए, मुझे लगता है कि भाजपा विरोधी लहर चल रही है। कर्नाटक चुनाव के नतीजों को देखते हुए, लोग बदलाव के मूड में हैं। अगर लोगों की यह मानसिकता बनी रही, तो देश में बदलाव आएगा। यह बताने के लिए किसी ज्योतिषी की जरूरत नहीं है। जब शरद पवार से हाल के दिनों में महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की स्थिति और हिंसा की कुछ घटनाओं के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था करने के लिए सरकार जिम्मेदार हैं। अगर सत्ताधारी दल और उनके लोग सड़कों पर उतरते हैं और दो धर्मों के बीच दरार पैदा करते हैं, तो यह अच्छा संकेत नहीं है। उन्होंने दावा किया कि अगर औरंगाबाद में किसी व्यक्ति का पोस्टर दिखाया जाता है, तो पुणे में हिंसा की क्या जरूरत है। लेकिन ऐसा होने दिया जा रहा है। शरद पवार ने आरोप लगाया कि हाल ही में हमने अहमदनगर के बारे में सुना। आज, मैंने कोल्हापुर से एक खबर देखी। लोग सड़कों पर निकल आए, और फोन पर संदेश भेजने की एक छोटी सी घटना को धार्मिक रंग देना अच्छा संकेत नहीं है। सत्ताधारी दल ऐसी चीजों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
कृषि के प्रति सरकार का नजरिया सकारात्मक नहीं
राकांपा प्रमुख पवार ने राज्य में कृषि संबंधी मुद्दों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कपास उत्पादक किसानों की स्थिति गंभीर है। कपास की खरीद करनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अगर किसान सड़क पर उतरने का फैसला करते हैं तो एनसीपी उनके पीछे होगी। शरद पवार ने कहा कि सरकार का नजरिया उतना सकारात्मक नहीं है जितना होना चाहिए। कोटा निर्यात के लिए तय नहीं है और दूसरी तरफ चीनी के दाम गिर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा अर्थव्यवस्था कृषि उत्पादकों के लिए फायदेमंद नहीं है।
शरद पवार का भाजपा पर बड़ा हमला, बोले- देश में BJP विरोधी लहर, देश की जनता चाहती है बदलाव
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