#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

शरद पवार बड़े नेता, पर तैयार नहीं कर सके उत्तराधिकारी

104
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार बड़े नेता हैं, लेकिन वह उत्तराधिकारी तैयार करने में विफल रहे। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मुखपत्र सामना में पवार पर यह तंज कसा गया है। इससे राकांपा के नेता नाराज हो गए हैं, जिससे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में तनाव बढ़ता दिख रहा है। मुखपत्र में लिखा है कि पवार निश्चित तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े नेता हैं। राष्ट्रीय राजनीति में उनके विचार को सम्मान मिलता है। लेकिन वह पार्टी को आगे ले जाने वाला अपना उत्तराधिकारी तैयार नहीं कर सके। इसलिए उनके पास अध्यक्ष पद पर वापसी के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। पवार के अध्यक्ष पद छोड़ने के फैसले से ही पार्टी जड़ से हिल गई। कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। अंततः उन्होंने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का सम्मान किया और अपने पद पर बने रहने की घोषणा की। राकांपा वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि संजय राउत को क्या दिक्कत है। क्या वे मतभेद बढ़ाना चाहते हैं। क्या वह चाहते हैं कि राकांपा को एमवीए छोड़ देना चाहिए। भुजबल ने कहा कि राउत की जितनी उम्र है, उतना शरद पवार का राजनीतिक जीवन है। राकांपा में अजीत पवार, सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल जैसे नेता हैं। राउत को यह पता होता है कि कौन किसके घर गया। अगर, इतना शिंदे गुट और बागियों के बैग पर ध्यान देते तो शिवसेना में ये स्थिति नहीं पैदा होती। वहीं, शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने कहा कि एक संपादक का मत राज्य का मत नहीं हो सकता।

3 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *