उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शुक्रवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिंदे की दशहरा रैली एक भाजपा समर्थिक कार्यक्रम था। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उनके भाषण के दौरान केवल ‘मोदी-शाह चालीसा’ पढ़ी गई। उन्होंने शिंदे के धड़े को ‘डुप्लीकेट शिवसेना’ भी करार दिया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में दावा किया कि शिंदे खेमे ने बांद्रा कुर्ला कॉम्पलैक्स (बीकेसी) में आयोजित दशहरा रैली में 50 करोड़ से 100 करोड़ रुपये खर्च किए, चूंकि करीब दो हजार बसों को समर्थकों के लिए बुक किया गया था। कार्यक्रम में शामिल हुए दो लाख से ज्यादा लोगों को भोजन कराया गया। इसमें कहा गया है कि बांद्रा कुर्ला कॉम्पलैक्स में आयोजित रैली भाजपा-समर्थित कार्यक्रम था। विधायकों को खरीदने के लिए राशि खर्च की गई और यह कार्यक्रम एक फैशन शो और सौंदर्य प्रतियोगिता की तरह था। शिंदे और शिवसेना के अन्य विधायकों की बगावत के बाद से उद्धव ठाकरे गुट लगातार यह कहते हुए निशाना बनाता रहा है कि हरेक बागी विधायकों ने 50 खोके (पेटी) लिए। जिसका मतलब पचास करोड़ रुपये है। सामना में आगे कहा गया है कि रैली का आयोजन शिवसेना के नाम पर किया गया, लेकिन यह भाजपा का कार्यक्रम ज्यादा था, क्योंकि भाषण में नकली शिवसेना के प्रमुख नेता (शिंदे) ने मोदी-शाह चालीसा (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की प्रशंसा) को पढ़ा। बता दें कि दशहरा के मौके पर 5 अक्तूबर की साम दोनों धड़ों ने मेगा रैलियां की थीं। जहां ठाकरे ने दादर इलाके के शिवाजी पार्क में अपनी रैली को संबोधित किया, वहीं शिंदे ने बांद्रा कुर्ला कॉम्पलैक्स में सभा को संबोधित किया। शिवसेना के मुखपत्र में आगे लिखा या है कि यह भाजपा ही है जिसने पटकथा लिखी है। मुख्य भाषण का सार, संवाद, चरित्र इसके (भाजपा) द्वारा लिखे गए थे। शिंदे गुट ऐसा व्यवहार कर रहा है जैसे कि उसका भाजपा में विलय हो गया हो।
शिंदे की दशहरा रैली को ‘सामना’ में बताया गया फैशन शो, कहा- वहां पढ़ी गई सिर्फ ‘मोदी-शाह चालीसा’
123