अजित पवार के भाजपा के साथ जाने के बाद से शायद शिवसेना (उद्धव ठाकरे) को शरद पवार के भी भाजपा के साथ जाने का डर सता रहा है। बीती पांच अगस्त को शरद पवार ने अजित पवार से पुणे में मुलाकात की थी। इस मुलाकात की महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में काफी चर्चा है। अब संजय राउत ने कुछ ऐसा कहा है, जिसे सुनकर लग रहा है कि शिवसेना शायद कहीं ना कहीं अपने उस डर को छिपाने की कोशिश कर रही है। बता दें कि संजय राउत ने कहा है कि शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार की तरह भाजपा के साथ हाथ मिलाने की गलती नहीं करेंगे। शिवेसना (उद्धव) के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम में संजय राउत ने लिखा कि ‘अजित पवार एक बड़े नेता बन सकते हैं, अगर वह खुद की पार्टी बनाकर चुनाव लड़ें, लेकिन अगर वह भाजपा की मदद से ऐसा करने की कोशिश करेंगे तो उनकी राजनीति रेत के महल की तरह ढह जाएगी, जैसा कि एकनाथ शिंदे के साथ हुआ। राजनीति में टावर अहम होती हैं ना कि रेत के महल।’ संजय राउत ने लिखा कि अजित पवार अपने चाचा की वजह से राजनीति में बड़े बने और अब वह उन्हें (चाचा शरद पवार) ही खत्म करने की दिशा में काम कर रहे हैं।’ अजित पवार और शरद पवार की मुलाकात पर संजय राउत ने कहा कि ‘दोनों की मुलाकात के बाद से शरद पवार, भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मजबूती से खड़े दिख रहे हैं।’ राउत ने लिखा कि ‘शरद पवार ये समझते हैं कि मोदी का समर्थन करना, प्रतिगामी ताकतों का समर्थन करने जैसा है। जिन लोगों ने अपनी पार्टी छोड़ी है, भविष्य में उनका राजनीतिक करियर तबाह हो जाएगा। पवार भाजपा के साथ हाथ मिलाने की गलती नहीं करेंगे। यह किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं है बल्कि यह लोकतंत्र बनाम तानाशाही की लड़ाई है।’
‘अजित पवार एक बढ़ई पक्षी’
संजय राउत ने अजित पवार की आलोचना करते हुए कहा कि ‘अजित पवार एक बढ़ई पक्षी जैसे हैं, जो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी में छेद करेंगे। संजय राउत ने दावा किया कि देवेंद्र फडणवीस ही इस पक्षी को मजबूती दे रहे हैं। अजित पवार, मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और फडणवीस के समर्थक मानते हैं कि शिंदे अब भाजपा के लिए बोझ बन चुके हैं। शिंदे ने दावा किया था कि उन्हें 2024 में फिर से सीएम बनाने का आश्वासन दिया गया है लेकिन यह सच नहीं है क्योंकि उस स्थिति में अजित पवार को नहीं लाया जाता।’