पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर दुनिया के सबसे तेज और महान गेंदबाजों में से एक रहे हैं। उन्होंने अपनी गति और बाउंस से कई महान बल्लेबाजों को परेशान किया। रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख्तर जब मैदान पर उतरते थे, तो उनकी गेंदें कहर बरपाती थीं। उन्हें 2000 के दशक का सबसे घातक गेंदबाज माना जाता है। शोएब अख्तर ने बताया कि उनके पास हर तरह की वेरिएशन थी। उनके पास यॉर्कर से लेकर रिवर्स स्विंग तक में महारत हासिल की। हालांकि, उन्हें बाउंसर फेंकने में सबसे ज्यादा मजा आता था। इसकी वजह उन्होंने बताई कि उन्हें गेंदों पर बल्लेबाजों को उछलता देख काफी मजा आता था और सुकून मिलता था। अख्तर ने स्पोर्ट्स वेबसाइट से बातचीत में ये बात कही।
‘बल्लेबाज बंदर की तरह उछलें, इसमें मजा आता था’
शोएब अख्तर ने कहा- मैं बाउंसर इसलिए फेंकता था, क्योंकि मुझे बल्लेबाजों को बंदर की तरह उछलते देखना पसंद था। मैं झूठ नहीं बोलूंगा। मैं बैटर्स को सिर पर गेंद मारना चाहता था। मेरे पास इसके लिए रफ्तार भी मौजूद थी। तेज गेंदबाज होने का यही लाभ है।
शोएब अख्तर ने कहा- मैं बाउंसर इसलिए फेंकता था, क्योंकि मुझे बल्लेबाजों को बंदर की तरह उछलते देखना पसंद था। मैं झूठ नहीं बोलूंगा। मैं बैटर्स को सिर पर गेंद मारना चाहता था। मेरे पास इसके लिए रफ्तार भी मौजूद थी। तेज गेंदबाज होने का यही लाभ है।
‘चाहता था बल्लेबाज मेरा नाम याद रखें’
अख्तर ने कहा- मैं हमेशा बल्लेबाजों के शरीर पर गेंद मारना चाहता था, ताकि जब भी वे आईने में देखें, तो उन्हें मेरी याद आए। मुझे लंबे रन-अप का भी फायदा होता था और जरूरी फ्लो मिलता था। मेरे लंबे बाल थे और दिल की धड़कन तेज रहती थी, तो मैं निश्चित रूप से फुल लेंथ बॉल नहीं फेंकता। दिमाग में सिर्फ यही रहता था कि बल्लेबाज के जिस्म में आलू (शरीर पर सूजन) दिखे।
अख्तर का अंतरराष्ट्रीय करियर चोट से भरा रहा है। वह कई बार गंभीर रूप से चोटिल हुए, लेकिन रफ्तार से कभी समझौता नहीं किया। अख्तर ने पाकिस्तान के लिए 163 वनडे में 247 विकेट लिए हैं। वहीं, 46 टेस्ट में उन्होंने 178 विकेट लिए। शोएब अख्तर ने 2011 के विश्व कप के बाद संन्यास ले लिया था।
अख्तर ने कहा- मैं हमेशा बल्लेबाजों के शरीर पर गेंद मारना चाहता था, ताकि जब भी वे आईने में देखें, तो उन्हें मेरी याद आए। मुझे लंबे रन-अप का भी फायदा होता था और जरूरी फ्लो मिलता था। मेरे लंबे बाल थे और दिल की धड़कन तेज रहती थी, तो मैं निश्चित रूप से फुल लेंथ बॉल नहीं फेंकता। दिमाग में सिर्फ यही रहता था कि बल्लेबाज के जिस्म में आलू (शरीर पर सूजन) दिखे।
अख्तर का अंतरराष्ट्रीय करियर चोट से भरा रहा है। वह कई बार गंभीर रूप से चोटिल हुए, लेकिन रफ्तार से कभी समझौता नहीं किया। अख्तर ने पाकिस्तान के लिए 163 वनडे में 247 विकेट लिए हैं। वहीं, 46 टेस्ट में उन्होंने 178 विकेट लिए। शोएब अख्तर ने 2011 के विश्व कप के बाद संन्यास ले लिया था।