हमास और इस्राइल बीते सात महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जहां सभी देश संघर्ष विराम की उम्मीद लगाए हुए थे। वहीं, एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। हमास ने रविवार को गाजा पट्टी में सहायता पहुंचाने के लिए इस्राइल के मुख्य क्रॉसिंग पॉइंट पर बड़ा हमला कर दिया।
गाजा के लोगों की और बढ़ेगी परेशानी
इस्राइली सेना ने सोमवार को मानवीय सहायता ट्रकों के लिए केरेम शालोम क्रॉसिंग को बंद करने का फैसला लिया। इससे गाजा के लोगों की परेशानी बढ़ने वाली है। वहीं, हमास की सैन्य शाखा कसम ब्रिगेड (Qassam Brigades) ने दावा किया कि हमले में सीमा के पास इस्राइली बलों के एक समूह को निशाना बनाया गया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हमले में इस्राइली सेना के कमांड मुख्यालय को निशाना बनाया, जिससे कई सैनिक मारे गए और घायल हो गए। इस्राइली सेना का कहना है कि केरेम शालोम क्रॉसिंग पर 10 रॉकेट दागे गए। हमास ने इसकी जिम्मेदारी ली है। टीवी चैनल की मानें तो सेना ने हमले के बाद तुरंत क्रॉसिंग को बंद करने का निर्णय लिया। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब गाजा भोजन, दवा और अन्य मानवीय वस्तुओं की कमी के साथ मानवीय संकट का सामना कर रहा है। इस हमले से मिस्र में चल रही संघर्ष विराम वार्ता के जटिल होने की धमकी दी गई है। वहीं, राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स ‘ पर एक पोस्ट में कहा कि दुनियाभर के देशों को बंधकों को रिहा करने और गाजा के लोगों को हमास के शातिर शासन से मुक्त कराने के लिए कदम उठाना चाहिए। हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइली शहरों पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमले की शुरुआत की थी। इसके बाद हमास के आतंकियों ने इस्राइल में घुसकर लोगों को मौत के घाट उतारा। इसके जवाब में इस्राइल ने हमास आतंकियों के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन में गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की गई है, जिससे अधिकतर गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है। अब तक इस्राइल और गाजा में कुल मिलाकर 30000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि गाजा के अधिकारियों का कहना है कि सात अक्तूबर के बाद से गाजा में इस्राइल के सैन्य अभियान में अब तक उनके 34,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जबकि हजारों शवों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।